जयपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओें को सुदृढ़ करने के लिए 25 जिला मुख्यालयों पर चरणबद्ध रूप से नर्सिंग महाविद्यालय खोले जाएंगे। अब मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों से एनआरआई कोटे की सीटों के लिए निर्धारित फीस एक मुश्त लिए जाने के स्थान पर प्रति वर्ष ली जाएगी। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने राजस्थान मेडिकल एजूकेशन सोसायटी की आयोजित गवर्निंग काउंसिल की 5वीं बैठक में दी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजमेस सोसायटी के प्रथम चरण में 7 मेडिकल कॉलेज (भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, सीकर, पाली, बाड़मेर व डूंगरपुर) कॉलेज स्वीकृत किए गए। द्वितीय चरण में धौलपुर एवं तृतीय चरण में 15 मेडिकल कॉलेज (नागौर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बांसवाडा, बूंदी, बारां, श्रीगंगानर, सिरोही, करौली, जैसलमेर, झुंझूनूं, टोंक, दौसा, सवाईमाधोपुर एवं हनुमानगढ) स्वीकृत हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 5 मेडिकल कॉलेजों (भरतपुर, भीलवाड़ा, चुरू, पाली व डूंगरपुर) में वर्ष 2018 से बाड़मेर में 2019 से एवं सीकर में वर्ष 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ कर दिया गया। स्वीकृत 15 मेडिकल कॉलेजों के बाद प्रदेश में प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद जिलों को छोड़कर सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की सुविधा उपलब्ध होगी। इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज खोलना केंद्र स्तर पर प्रस्तावित है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि राजमेस के अधीन मेडिकल कॉलेजों में इस समय 45 आचार्य, 79 सह आचार्य, 154 सहायक आचार्य एवं 67 वरिष्ठ प्रदर्शक सहित 345 संकाय कार्यरत हैं। साथ ही 811 नर्सिंगकर्मी तथा 381 पैरामेडिकल के पद भी स्वीकृत हैं। उन्होंने बताया कि राजमेस मेडिकल कॉलेजों में वर्ष 2020 में कुल 980 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश स्वीकृत है।