जयपुर। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने से खास नाराज नजर आए। मीणा ने मीडिया के सामने अपना दुखड़ा रोया और कहा कि जिस आदमी को 20 नवम्बर 1960 को एक आदिवासी छात्र नेता के रूप में आमंत्रित करके देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्वयं के हाथों से चाय बनाकर पिलाई हो उस आदमी का कांग्रेस में अपमान किया गया हैं।
मीणा ने कहा कि 1977 में चुनाव लडऩे वाला मैं पहला आदमी हूं जो विधानसभा में हूं। 1965 में मैं बूंदी कॉलेज का छात्रसंघ का अध्यक्ष रहा हूं। जब तक इस कांग्रेस में शत प्रतिशत निष्ठावान कांग्रेसियों की पूछ नहीं होगी तब तक पूरे देशभर मेंं कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मंत्री बनाया गया होता तो पूरे प्रदेश में हर जिले में आज जश्न का माहौल होता।
उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी केवल मंत्रिमण्डल को लेकर हैं। हाडौती में मैं भरतसिंह से भी वरिष्ठ हूं। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कामकाज की यह कहकर तारीफ की कि वे अच्छा काम कर रहे हैं और उन्हें आलाकमान सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है और उनका निर्णय सर्वापरि हैं। मीणा ने बातचीत में फिर दोहराया कि मेरे को मंत्रिमण्डल में शामिल नहीं करके अपमानित किया गया हैं। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष की मीडिया से इस बातचीत का ऑडियों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा हैं।