श्रीगंगानगर : लोकसभा सांसद निहालचंद ने गंगनहर में पानी की चोरी रोकने और राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी उपलब्ध करवाने हेतु पंजाब सरकार को निर्देशित करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। इस विषय में जल्द से जल्द ठोस कार्यवाही के लिए सांसद निहालचंद ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से फोन पर बात की और उन्हें पत्र के माध्यम से भी क्षेत्र के किसानों की इस गंभीर समस्या से अवगत करवाया।
साथ ही सांसद निहालचंद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इस विषय में अपने स्तर पर जरुरी कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा है। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि राजस्थान में पानी बहुत ही सीमित मात्रा में उपलब्ध है और पेयजल व सिंचाई हेतु पानी के लिए पूर्ण रूप से पंजाब व हरियाणा पर निर्भर है और यदि ऐसे में बड़े पैमाने पर पानी की चोरी होती है तो राजस्थान प्रदेश के किसानों के लिए यह बहुत ही बड़ी और गंभीर समस्या है, जिसका जल्द से जल्द स्थायी समाधान करने की आवश्यकता है। 19 अप्रैल 2022 को गंगनहर की सफाई के दौरान जब राजस्थान के किसानों के द्वारा पानी चोरी की पाइपों को बंद किया जा रहा था, तो पंजाब के किसानों ने इसका विरोध करते हुए ग्राम सलामेवाला के नजदीक राजस्थान के किसानों पर पथराव किये, जिसमें बहुत से किसानों को चोटें आई थी।
उन्होने पंजाब प्रदेश द्वारा राजस्थान को प्रदूषित पानी और पानी की चोरी जैसी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, जिसके स्थायी समाधान के लिए पूर्व में भी सांसद निहाल चन्द द्वारा इस मुद्दे को केंद्र सरकार, लोकसभा, केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड समेत राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के समक्ष रखा गया था, लेकिन बावजूद इसके पंजाब सरकार के रवैये में कोई अंतर नहीं आया है। पंजाब के किसानों के द्वारा पानी की यह चोरी लम्बे समय से चल रही है, लेकिन इनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने के कारण इनके हौसलें और बुलंद होते जा रहे है, साथी ही पानी की चोरी भी बड़े पैमाने पर की जा रही है, जिसकी मार राजस्थान के असंख्य किसानों को झेलनी पड़ रही है।
उन्होने इसके स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार व राजस्थान सरकार को पंजाब सरकार के समक्ष इस समस्या को गंभीरता के साथ उठाते हुए पंजाब सरकार से इस ज्वलंत समस्या के ठोस समाधान करवाने की आवश्यकता है, ताकि राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रा के साथ-साथ अन्य स्थानों के किसानों को भी समय पर पूरा सिंचाई पानी उपलब्ध हो सके।