जयपुर : कोविड स्वास्थ्य सहायक अपनी मांगों को लेकर करीब एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को आरएलपी सुप्रीमो और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार संवेदनशील नहीं है और कोविड-19 संक्रमण के दौरान अपनी जान की बाजी लगाने वाले सीएचए अभ्यर्थियों को इस तरह से बेरोजगार कर देना सरकार की कार्यशैली पर सवाल लगाते हैं।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान प्रदेश में कई परिवारों ने अपने परिजनों को खोया है और ऐसे में इन अभ्यर्थियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की सेवाएं की। सरकार को इनसे वार्ता करनी चाहिए। सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार के मंत्री बयान दे रहे हैं कि कोरोना खत्म सीएचए खत्म। सरकार में जो मंत्री हैं, वह गुटों में बटे हुए हैं और मंत्री से लेकर विधायक तक पैसे कमाने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मजबूत विपक्ष भी नहीं है क्योंकि भाजपा के नेता तो सीएम बनने में लगे हुए हैं। बेनीवाल ने भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की भी बात कही और कहा कि इस गठबंधन के कारण ही प्रदेश में भ्रष्टाचार फैला और आज युवा बेरोजगार हो रहा है। बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए जोधपुर में रैली आयोजित की जाएगी और हमारा मुद्दा होगा कि प्रदेश में खाली पड़े पदों को भरा जाए। बेरोजगारी भत्ता एक बार फिर से शुरू किया जाए। कर्ज मुक्त किसान हो और प्रदेश में मजबूत लोकायुक्त बनाया जाए।
बेनीवाल ने एसीबी और ब्यूरोक्रेसी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एसीबी को अपनी मर्यादा में रहकर काम करना चाहिए। ब्यूरोक्रेसी को लेकर बेनीवाल ने कहा कि सभी ब्यूरोक्रेट्स ईमानदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मौजूदा समय में विपक्ष कमजोर है तो ऐसे में सिर्फ आरएलपी ही मजबूत विपक्ष तैयार कर सकती है। आने वाले विधानसभा चुनाव में आरएलपी चौंकाने वाले नतीजे पेश करेगी। बेनीवाल ने कहा कि इस समय प्रदेश में बिजली की किल्लत के कारण हालात विकट हो रहे हैं और सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है। यहां तक की जयपुर में स्थित विधायक क्वार्टर्स की भी बिजली देर रात काट दी गई थी।