जयपुर : चंदवाजी क्षेत्र में गुरुवार सुबह दहशत फ़ैलाने वाले लेपर्ड की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर जयपुर के बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था। उसके सिर में चोट लगी हुई थी। मूंह से खून निकल रहा था। डॉक्टर ने कहा था कि इलाज के बाद लेपर्ड को फिर से जंगल में छोड़ा जाएगा। इससे पहले ही पिंजरे में मौत हो गई। लेपर्ड का इलाज कर रहे डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इससे मौत के कारणों का पता चलेगा। मौत के कारणों को जानने के लिए डीएफओ मनफूल विश्नोई को दोपहर साढे 12 बजे फोन किया तो उन्होने लेपर्ड की मौत होने की जानकारी से इनकार कर दिया। जब उन्हे बताया कि लेपर्ड की मौत हो चुकी है तो उन्होने कहा कि वह मीटिंग में थे। उन्हे जानकारी नहीं है।
दरअसल, लेपर्ड ने बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब 4 बजे जयपुर शहर के नजदीक चंदवाजी में लेपर्ड ने एक बच्चे सहित 5 लोगों पर हमला कर दिया। सभी घायलों को जयपुर के एसएमएस व प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची। टीम को उसे ट्रैंकुलाइज करने में 4 घंटे लग गए। यहां से रेस्क्यू कर उसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था। जानकारों की मानें तो जानवर की हत्या करने पर सात साल की सजा तक हो सकती है। हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। साथ ही उपचार में लापरवाही भी सामने आ सकती है। लेपर्ड का विसरा जांच के लिए आईबीआरआई बरेली में भेजा जाएगा।