जोधपुर: लंदन में गणगौर के गीत गूंज रहे हैं। यहां केंटन शहर की गलियां ईसर गौर के जुलूस की गवाह बनी है। प्रवासी राजस्थानियों ने ईसर गौर की सवारी निकाली और पूजन किया। प्रवासियों के ब्रिटिश दोस्तों ने भी ढोल बजाकर ईसर गौर की पूजा में आनंद के साथ शिरकत की।
मारवाड़ी साफा व लहंगा ओढ़नी की रंगत
ईसर गौर की पूजा परंपरागत परिधान में की गई। गौर-गौर गोमती जैसे लोकगीत लंदन की गलियों में गूंज रहे थे। राजस्थानी गीतों की स्वर लहरियां, मारवाड़ी परिधान में सजी-धजी महिलाएं और विशाल ईसर-गणगौर की प्रतिमाएं जुलूस के रूप में केंटन शहर की सड़कों पर निकली तो लगा लंदन में राजस्थान उतर आया। घूमर करती महिलाएं व ढोल पर नाचते लोगों ने विदेशी गलियों में राजस्थानी संस्कृति की रंगत बिखेर दी। लंदन के मूल निवासी भी खुद को रोक नहीं पाए और जुलूस में शामिल हो गए। जोश इतना था कि बच्चे भी इसमें झूमते नजर आए। लंदन में शनिवार को गणगौर उत्सव मनाया गया था।
गणगौर का त्योहार नव विवाहिता और युवतियों के लिए खास होता है। चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया से 16 दिन तक युवतियां ईसर यानी शिव और गौर यानी पार्वती की पूजा करती हैं। सोमवार 4 अप्रैल को गणगौर पर्व अब लंदन में भी मनाया जाएगा।
लंदन में प्रवासी राजस्थानियों के संगठन राजस्थान एसोसिएशन यूके (RAUK) ने ईसर गणगौर पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में 500 प्रवासी राजस्थानियों के अलावा देशभर के प्रवासी लोगों ने हिस्सा लिया था। राजस्थान एसोसिएशन यूके के दिलीप पुंगलिया ने बताया कि गणगौर का त्योहार देवी गौरी यानी पार्वती की आराधना करने का है।