जयपुर : कोरोना महामारी से हुई मौतों ने कई परिवारों का सब कुछ उजाड़ दिया। कोरोना से मरने वालों के परिवारों को सरकारी सहायता देने की योजना शुरू करने के बाद भी बहुत से परिवारों के सामने अभी भी भारी परेशानियां हैंं। आज मुख्यमंत्री निवास पर हुए अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम में कोरोना महामारी से पति को खोने वाली एक महिला का दर्द मुख्यमंत्री के सामने फूट पड़ा। दुखी महिला ने रोते हुए मुख्यमंत्री गहलोत से अपने मकान की नीलामी रुकवाने की गुहार लगाई। सीएम निवास पर हुए कार्यक्रम में कोरोना सहायता योजना के लाभार्थियों को बुलाया गया था। महिला ने रोते हुए सीएम से कहा- कोरोना में हमारे परिवार का दीपक बुझ गया।
राज्य सरकार से हमे सहयोग मिला तो थोड़ा सहारा लगा। आज हम बहुत पीड़ित हैं। मेरे पति मार्बल का काम करते थे और खुद घर बनाते थे। हमारे मकान पर 15 लाख का कर्ज लिया हुआ है। पति की कोरोना से मौत के बाद लोन देने वालों ने हमारे घर को नीलाम करने का नोटिस दे दिया है। लोन कंपनी ने हमें बहुत परेशन किया हुआ है।
महिला ने आगे कहा कि मुख्यमंत्रीजी, मैं बहुत बड़ी उम्मीद लेकर आपके पास आई हूं। हमारा घर बचा लीजिए, हमारा यही सहारा है। हमें घर से बेघर होने से बचा लीजिए। हमें बेघर नहीं होना है। मेरी बेटी भी चैंपियन खिलाड़ी है, उसे भी आगे बढ़ने में मदद कीजिए। हमारा कोई सहारा नहीं बचा है। न परिवार से कोई सहारा है न और किसी का सहारा है। मैं तो आपके पास ही उम्मीद लेकर आई हूं।
सीएम के कार्यक्रम में महिला के दर्द साझा करने के बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों को उचित मदद करने को कहा है। सरकार ने कोरोना से मृतकों के परिवारों के लिए कोरोना सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना में एकमुश्त दो लाख रुपए देने के अलावा मृतक के बच्चों को कॉलेज पास तक मुफ्त पढ़ाई, मृतक की विधवा को विधवा पेंशन देने का प्रावधान किया है।