जयपुर। महिला जागृति संघ द्वारा बड़े दीवान जी का मंदिर मनिहारों का रास्ता किशनपोल बाजार में सुगंध दशमी के अवसर पर अंजनी पुत्र का जन्म जंगल में सजीव झांकी का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। सजीव झांकी में बताया गया कि 22 वर्षों तक अंजना से पति का वियोग रहना, पवन का युद्ध भूमि मै चकवा चकवी का प्रेम देखकर अनायास ही प्रेम जागृत होना, गुप्त रूप से अंजना से मिलना और एक रात वही गुजारना, इसी बीच अंजना का गर्भ ठहरना, सास के केतुमती द्वारा मिथ्या आरोप लगाकर महल से निकालना, अंजना का सखी के साथ जंगल में जाना, गुफा में रहना, शेर चीता हाथी लोमड़ी का गुफा के बाहर विचरण करना, एक शेर का गुफा के बाहर बैठ जाना और उनकी तरफ देखना, तभी गंधर्व देव का अष्टापद रूप धारी बनकर सिंह को घायल करना और विलीन हो जाना गुफा में अंधेरा छाया रहता है। वहां सूर्य सम तेजस्वी पुत्र के जन्म होते ही गुफा का अंधकार का विलय होना, ऋषि धारी चरम सरीरी का जन्म होते ही जंगल में पुण्य हो जाते हैं और बेल डोल रही है मानो सारा जंगल प्रफुल्लित हो रहा है।
इस अवसर पर बड़े दीवान जी के मंदिर में जैन अनुयायियों द्वारा आकर भगवान श्री के आगे धूप खेकर अपने अष्ट कर्मों का नाश करने की आराधना की। कार्यक्रम में रानी रारा और सरिता संघी मुख्य अतिथि थी। महिला जागृति संघ की अध्यक्ष विमला गोधा मंत्री शशि जैन उपाध्यक्ष राजकुमारी सोगानी एवं शारदा सोनी सदस्य बेला जैन साधना काला निर्मला जैन सहित भारी संख्या मैं दर्शक मौजूद थे।