जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि एक अप्रेल से आरंभ हो रहे वित्तीय वर्ष में राज्य में मेजर एवं माइनर खनिज ब्लॉकों की नीलामी का वार्षिक रोड़मेप बनाते हुए ब्लॉकों की नीलामी का त्रैमासिक कैलेण्डर बनाया जएगा। उन्होंने बताया कि इससे नीलामी के लिए माइनिंग ब्लॉक तैयार करने से लेकर नीलामी तक का एक्सन प्लान तय होने के साथ ही नीलामी की प्रभावी व्यवस्था व समयवद्ध मोनेटरिंग सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों के दल से उड़ीसा की व्यवस्था का अध्ययन भी करवाया जाएगा ताकि वहां की बेस्ट प्रेक्टिसेज को राजस्थान के संदर्भ में उपयोगी पाए जाने पर अपनाया जा सके।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को सचिवालय में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि विभाग ने नवाचार अपनाते हुए प्रतिमाह खनिज विशेष व व्यवस्था के संबंध में वर्चुअली खुले संवाद का सिलसिला आरंभ किया है जिससे विभाग के सभी अधिकारियों के बीच खुली चर्चा हो सकेे और एक दूसरे के अनुभवों के साथ ही देश दुनिया में हो रहे बदलावों से रुबरु होने का अवसर मिल सके।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खान सुरक्षा और सिलिकोसिस को लेकर विभाग गंभीर है और इसी का परिणाम है कि विभाग द्वारा सिलिकोसिस जांच व जागरुकता शिविरों के नियमित आयोजन के साथ ही खान सुरक्षा मापदंडों की पालना के लिए खानों का निरीक्षण करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व अर्जन से लेकर माइनिंग ब्लॉकों के ऑक्शन तक इस साल सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुआ है और इसका क्षेत्र डीएमजी श्री संदेश नायक सहित विभाग के फील्ड स्तर तक के अधिकारियों को जाता है। उन्होंने बेहतर परिणामों के लिए अधिकारियों की पीठ थपथपाई।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभाग द्वारा गत वर्ष 6395 करोड़ रु. के राजस्व अर्जन को पीछे छोड़ते हुए इस साल राजस्व अर्जन का नया रेकार्ड बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय एमनेस्टी योजना के भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं और 72 करोड़ रु. से अधिक की वसूली की जा चुकी है।
डीएमजी नायक ने बताया कि सिलिकोसिस जांच एवं जागरुकता अभियान में संबंधित विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए होट स्पॉट्स को चिन्हित करने के साथ ही सिलिकोसिस बीमारी के कारण भी तलाशें जा रहे हैं क्योंकि सिलिकोसिस बीमारी के कारणों में माइनिंग के इतर भी प्रमुखता से कारण सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि खान सुरक्षा मानकों की पालना कराते हुए आवश्यक सुरक्षा सामग्री का वितरण भी कराया जा रहा है।
उपसचिव नीतू बारुपाल ने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन, मुख्यमंत्री घोषणा, खान मंत्री घोषणा, निर्देश, जनघोषणा आदि की प्रगति जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा, एसजी संजय गोस्वामी, डीएलआर गजेन्द्र सिंह आदि के साथ ही विभागीय अधिकारियों ने वर्चुअली हिस्सा लिया।