“स्पंदन 2023” से बच्चों की उम्मीदों, कौशल और प्रतिभा को मिली पहचान

"स्पंदन 2023" से बच्चों की उम्मीदों, कौशल और प्रतिभा को मिली पहचान

जयपुर। महिला अधिकारिता विभाग एवं फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स ग्लोबली के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को रविंद्र मंच सभागार में “स्पंदन 2023” का समापन विद्यार्थियों की रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुआ। इस मौके पर जयपुर, दौसा और सिरोही के राजकीय विद्यालयों के लगभग 700 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, राष्ट्र भक्ति, लड़कियों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतियां दी। बचपन से ही बच्चों में योग के भाव को विकसित करने के लिए विभिन्न छात्र -छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के योगासनों का प्रदर्शन भी किया और सभी को योग करने का संदेश दिया।

30 दिन चले स्पंदन कार्यक्रम में बालिकाओं को निर्भया स्कवॉड द्वारा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया था। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम से निर्भया स्कवॉड एवं बालिकाओं द्वारा प्रशिक्षण के माद्यम से सिखाये गए आत्मरक्षा प्रशिक्षण के गुरों का प्रदर्शन भी किया गया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि महिला अधिकारिता विभाग मंत्री ममता भूपेश ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।

"स्पंदन 2023" से बच्चों की उम्मीदों, कौशल और प्रतिभा को मिली पहचान

अपने संबोधन में उन्होंने बेटियों को शिक्षा के जरिए मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एजुकेट गर्ल्स के द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की। साथ ही बेटियों को शिक्षित करने का आह्वान करते हुए स्पंदन 2023 में बच्चों को सिखाए गए विभिन्न सृजनात्मक कौशलों एवं शिक्षण की तारीफ की और कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लड़कियों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे बड़े मंच लगातार तैयार होने चाहिए। निदेशालय महिला अधिकारिता विभाग सचिव जितेंद्र उपाध्याय ने सपंदन को बच्चों के खेल खेल में सीखने को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के राज्य समन्वयक जगदीश प्रसाद ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए किए जा रहे प्रयासों का विवरण दिया।

एजुकेट गर्ल्स के प्रोजेक्ट हेड सुनील शेखर शर्मा ने बताया कि स्पंदन का यह कार्यक्रम सिर्फ एक इवेंट नहीं है। बल्कि बच्चों में छुपी प्रतिभाओं कौशलों एवं उम्मीदों को पिछले 1 महीने में जो पंख मिले हैं। उन पंखों से ऊंचाई को छूने, ऊंचाइयों को छूते हुए देखने का उदाहरण है। यह उस प्रक्रिया, उस पेडागोजी को दर्शाने उसे सिद्धांत के रूप में प्रतिपादित करने का अवसर है। जिसमें हम बार-बार यह कहते हैं कि हर बच्चे में सीखने, जानने की असीम संभावना है। पिछले वर्ष भी, और इस वर्ष भी, राजकीय विद्यालयों के बच्चों ने जो सीखने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, उससे यह समझने में आता है कि अगर बच्चों को सही और कारगर मौके विद्यालयों में और परिवारों में मिलते रहे और उन्हें लगातार नया करने, सीखने, सवाल उठाने का अवसर मिलता रहे, तो वे राज्य निर्माण, राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान दे सकते हैं।

"स्पंदन 2023" से बच्चों की उम्मीदों, कौशल और प्रतिभा को मिली पहचान

शिविरों में हमने बच्चों को इंक्लूसिव लर्निंग पेडागोजी को आधार बनाकर सीखने सिखाने के अवसर दिए। फाऊंडेशनल लिटरेसी एवं नुम्रेसी के साथ साथ कंप्यूटर शिक्षा, सेल्फ डिफेंस, स्पोकन इंग्लिश, आर्ट एंड क्राफ्ट आत्मरक्षा एवं योग जैसे आयामों को समग्रता में जोड़ा।

कार्यक्रम में एजुकेट गर्ल्स के शीर्ष अधिकारी विशाल सभरवाल भी एजुकेट गर्ल्स की पूरी टीम के साथ मौजूद थे। गणेश वंदना, स्वागत गीत ,एसिड अटैक पर आधारित नाटक सहित 40 प्रकार की प्रस्तुतियां बच्चों द्वारा इस मंच के माध्यम से प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के शिक्षा से जुड़े नाटकों का मंचन किया गया। इस दौरान गीतों पर बच्चे जमकर थिरके।

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