जयपुर: REET, SI और JEN भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ बेरोजगारों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ एक बार फिर CBI जांच समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। आज से प्रदेशभर के बेरोजगार जयपुर के शहीद स्मारक स्थल पर अनशन पर बैठ गए है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने कहा कि पिछले लंबे समय से प्रदेशभर की बेरोजगार आंदोलनरत है। इसके बावजूद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। ऐसे में जब तक सरकार बेरोजगार युवाओं की मांगो को पूरी नहीं करती है। तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा। उपेन ने कहा की बत्तीलाल तो सिर्फ़ एक मोहरा है। इस पूरी परीक्षा धांधली में कई बड़े राजनेता और अधिकारी भी शामिल है। जिनके खिलाफ भी सख्त एक्शन होने के साथ ही उनकी सम्पति को जब्त किया जाना चाहिए।
उपेन ने कहा की पेपर लीक और भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त गैर जमानती कानून बनानें की मांग के साथ 23 फरवरी को सरकार के मंत्रियों के साथ लिखित समझौता हुआ था। लेकिन लम्बा वक्त बीत जाने के बाद भी सरकार के नुमाइंदे बेरोजगारों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में इस बार बेरोजगार आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
बेरोजगारों की प्रमुख मांगे
- रीट और पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की CBI जांच करवाई जाए।
- प्रतियोगी परीक्षा में नकल रोकने के लिए गैर जमानती कानून बनाने की साथी 10 साल की सजा का प्रावधान किया जाए।
- JEN भर्ती डिग्री के मामले में अभ्यर्थियों ने पेपर लीक को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। उन आपत्तियों पर भी तत्काल निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
- नीमराणा कमला देवी परीक्षा केंद्र के बाहर 6 बेरोजगार अभ्यर्थियों पर दर्ज हुआ राजकार्य में बाधा का मुकदमा वापस लिया जाए।
- रीट परीक्षा के दौरान वंचित 3 छात्रों को अन्य अभ्यर्थियों के साथ फिर से मौका मिले।
- जिन परीक्षा केंद्र पर पेपर खुले मिलने की और देरी से पेपर पहुंचने की शिकायत मिली है। उस संबंध में सरकार तत्काल कमेटी का गठन करके 2 दिन में पीड़ित अभ्यार्थियों से प्रार्थना पत्र लेकर समस्या का हल करें।
- इसके साथ ही जिन परीक्षा केंद्रों पर लापरवाही बरती गई। उन परीक्षा केंद्रों की मान्यता रद्द करते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- पेपर लीक प्रकरण में लिप्त सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही उन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वाले राजनेताओं का भी खुलासा किया जाए।