माइंस विभाग द्वारा 2068 करोड़ का रेकार्ड राजस्व संग्रहित

माइंस विभाग द्वारा 2068 करोड़ का रेकार्ड राजस्व संग्रहित

जयपुर: खान, पेट्रोलियम एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा है कि राज्य में खनन गतिविधियों से राजस्व बढ़ाने और छीजत रोकने के लिए समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है कि चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 2068 करोड़ रु. से अधिक का राजस्व संकलित किया है जो कोरोना जैसी विपरीत परिस्थिति के बावजूद राजस्व संकलन का नया रेकार्ड है। उन्होंने बताया कि समूचे प्रदेश में अवैध खनन, भण्डारण और परिवहन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को मिशन मोड पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

खान मंत्री भाया ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के आरंभिक माहों में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद खान विभाग ने 12 सितंबर तक रेकार्ड 2068 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है जो सामान्य वर्ष 2019-20 के इसी अवधि की तुलना में 317 करोड़ रु. से भी अधिक है। उन्होंने बताया कि अप्रेल- 12 सितंबर, 2019 में 1751 करोड़ 87 लाख रु. और अप्रेल-12 सितंबर, 2020 में 1694 करोड़ 52 लाख रुपए का ही राजस्व अर्जित किया था। उन्होंने बताया कि कोविड के बावजूद समन्वित व योजनावद्ध प्रयासों से ही अधिक राजस्व अर्जन हो सका है। खान मंत्री श्री भाया ने रेकार्ड राजस्व संकलन के लिए विभाग के अधिकारियों की हौशला अफजाई करने के साथ ही राजस्व में बढोतरी और राजस्व छीजत पर प्रभावी कार्यवाही जारी रखने को कहा है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा विभागीय राजस्व 2068 करोड़ रु. के अलावा डीएमएफटी फण्ड में 545 करोड़ 13 लाख, आरएसएमईटी में 15 करोड़ और एनएमईटी में 27 करोड़ 49 लाख का संग्रहण हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में ई रवन्ना में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होते हुए ओसतन प्रतिमाह आठ लाख से अधिक रवन्ना जारी हुए हैं। अगस्त के अंत तक 41 लाख से अधिक ई रवन्ना जारी हुए हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण पर सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। विभागीय अधिकारियों द्वारा रात्रिकालीन गश्त के दौरान प्रतिदिन राज्य भर में अवैध वाहनों की धरपकड़, जब्ती, पुलिस में सुपुर्दगी, जुर्माना वसूली और एफआईआर दर्ज कराने जैसी कार्यवाही की जा रही है।

निदेशक माइंस केबी पण्डया ने बताया कि राजस्व संग्रहण में एसएमई भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, जोधपुर कार्यालय ने उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि अवैध गतिविधियों पर रोक के लिए जयपुर, उदयपुर सहित समूचे प्रदेश में सख्ती से कार्यवाही जारी है।

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