जयपुर: हाईकोर्ट ने बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले बीस करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में निंबाराम की याचिका पर फैसला सुनाया है। हाइकोर्ट ने निम्बाराम की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस सतीश शर्मा ने ये आदेश दिए है। अदालत ने निम्बाराम को कहा कि सात दिन में अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश हो। साथ ही एसीबी के आलाधिकारी सुनिश्चित करें कि मामले में बाहरी दबाव के बिना जांच हो।
RSS प्रचारक निंबाराम ने आपराधिक याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और एसीबी की कार्रवाई को रद्द करने की गुहार हाई कोर्ट में लगाई थी। निम्बाराम की याचिका में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता सार्वजनिक मंच पर उसके खिलाफ बयानबाजी कर प्रस्ताव पारित कर रहे हैं और उसकी गिरफ्तारी के बयान दे रहे हैं। BVG प्रकरण में बकाया भुगतान को लेकर जो वीडियो सामने आया है, उसमें भी रिश्वत को लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कोई बातचीत नहीं है। एसीबी ने सत्ता के दबाव में आकर एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया है। इसलिए एफआईआर से याचिकाकर्ता का नाम हटाया जाए और उसके खिलाफ एसीबी की ओर से की जा रही जांच को रोका जाए।