जयपुर। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स की ओर से आयोजित IC4E -2022 कांफ्रेंस के दूसरे दिन बुधवार को विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में संभागियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के महत्त्व और उपयोगिता के साथ अपने विचारों और आवश्यक सुझाओं से लाभान्वित किया।
वर्चुअली मोड़ पर आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि, वॉरसॉ मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी, पोलैंड के डॉ पीटर मिकोसिक ने कहा रूस – यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में पढऩे गए हज़ारों छात्र-छात्राओं का अध्ययन बुरी तरह प्रभावित हुआ, उनके भविष्य के सपने टूट गए और जान बचाने के लिए भारी संकट का सामना करना पड़ा है। बहुत से युद्ध की विभीषिका के शिकार हो गए। इस दौरान छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दुनिया को अपनी आपबीती से अवगत कराया। उन्होंने ई लर्निंग के महत्त्व और उपयोगिता की संभागियों को जानकारी दी।
तकनीकी सत्रों में अपेक्स स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट एंड साइंस के प्रिंसिपल प्रो सीके शाह, kanbiosys पुणे के ट्रेनिंग और एक्सटेंशन के हेड डॉ प्रशांत पंवार सहित डॉ रीमा सिंह डॉ बाल गोपाल सिंह ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने रिसर्च पेपर के महत्व के विषय में चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार नए विचारों को शोध में लाया जा सकता है।चार सत्रों में देश के विभिन्न प्रदेशों के लगभग 200 विद्यार्थियों ने ई – एजुकेशन, बिज़नेस, मैनेजमेंट, लर्निंग और रिसर्च पेपर राइटिंग परअपने पेपर प्रस्तुत किये। कांफ्रेंस के प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखे और बताया कि इससे उनके ज्ञान एवं शोध कौशल में सार्थक वृद्धि हुई है।
फैकल्टी कोर्डिनेटर डॉ कपिल खट्टर, डॉ मुक्तक व्यास, डॉ नेहा माथुर, डॉ उर्वशी भाम्बू और डॉ मोनिका ओझा खत्री थे। इस अवसर पर पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के को फाउंडर राहुल सिंगी,प्रेसिडेंट सुरेश चंद्र पाधे, प्रो प्रेसिडेंट डॉ मनोज गुप्ता ,प्रोवेस्ट डॉ दिनेश गोयल, रजिस्ट्रार चांदनी कृपलानी और डीन सुनील गुप्ता भी उपस्थित थे। प्रारम्भ में प्रेसिडेंट सुरेश चंद्र पाधे ने स्वागत किया और कांफ्रेंस कन्वीनर डॉ मोनिका ओझा खत्री ने धन्यवाद ज्ञापित किया।