जयपुर। नेट थिएट पर पंडित आलोक भट्ट ने जब मोहन वीणा पर राग जैजैवंती के स्वर झंकृत किए तो मोहन वीणा की मिठास श्रोताओं के दिलो-दिमाग में रच बस गई। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि पं.भट्ट ने अपनी प्रथम प्रस्तुति देकर इस शाम को यादगार बना दिया l
उन्होंने राग जैजैवंती में आलाप जोड़ झाला प्रस्तुत करने के बाद तीन ताल में विलंबित और द्रुतगत पूरे मनोयोग से बजाई। पं.आलोक भट्ट की प्रस्तुति में सुकून था, तो स्वरों का ठहराव भी साफ सुनाई पड़ता था। उल्लेखनीय है कि पंडित आलोक भट्ट को संगीत पारिवारिक विरासत में मिला और वर्तमान में आकाशवाणी जयपुर में म्यूजिक कंपोजर के पद पर कार्यरत है।
उन्होंने राग किरवानी में एक बंदिश भी सुनाई जो दीपचंदी ताल में निबद्ध थी। उन्होंने अपने कार्यक्रम का समापन बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन से किया l इससे पूर्व उन्होंने कहरवे मैं राजस्थानी लोकधुन भी प्रस्तुत की। पं.भट्ट के मोहन वीणा वादन में युवा तबला वादक अकबर हुसैन ने असरदार संगतकर कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए ल कार्यक्रम के संयोजक नवल डांगी, साउंड सतीश शर्मा, प्रकाश मनोज स्वामी, मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू और जिवतेश शर्मा की रही l