जयपुर। राजस्थान को माइनर मिनरल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय खनिज विकास पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 12 जुलाई को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर पर आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव में केन्द्रीय संसदीय मामलात, कोल एवं माइंस मंत्री द्वारा राजस्थान के माइंस विभाग को द्धितीय पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव पर किया जा रहा है।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन व दिशा निर्देश में प्रदेश में खनिज खोज खनन के साथ ही राजस्व संग्रहण के क्षेत्र में एतिहासिक उपलब्धियां अर्जित की गई है। राजस्थान को माइनर मिनरल क्षेत्र में पुरस्कृत करने की जानकारी केन्द्रीय खान सचिव आलोक टंडन ने मुख्य सचिव उषा शर्मा एवं और सयुक्त सचिव फरिदा एम नाइक ने एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल को पत्र लिख कर दी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान को माइनर मिनरल यथा माइका, ग्रेनाइट और मारबल ब्लॉक्स के प्लॉट तैयार कर सफल नीलामी के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के तीन माह की उपलब्धियों की भी सराहना करते हुए पुरस्कार के साथ ही प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने राजस्थान के खान विभाग के लिए इसे एतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि प्रदेश में पिछले तीन सालों में खोज, खनिज खनन, राजस्व संग्रहण में रेकार्ड उपलब्धियां अर्जित की है। उन्होंने बताया कि यह सब टीम भावना से समग्र प्रयासों से संभव हो पाया है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के खनिज मंत्रालय द्वारा माइनर मिनरल के क्षेत्र में द्वितीय पुरस्कार खनिज खोज, खनिज प्लॉट तैयार कर उनका ऑक्शन और खनन गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया जाएगा। वर्ष 2021-22 में वित्तीय वर्ष में 6395 करोड़ 15 लाख का राजस्व संग्रहण का नया रिकार्ड बनाया गया है। इसी तरह से एक हजार 9 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 422 अप्रधान खनिज प्लॉट का आक्शन कर 224 करोड़ 28 लाख का राजस्व प्राप्त किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के माइंस विभाग को पहलीबार यह पुरस्कार दिया जाएगा। समारोह में राजस्थान को एक करोड़ 60 लाख रु. की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
गौरतलब है कि राजस्थान में खनिज खोज, खनन प्लाटों का डिलेनियेशन, भारत सरकार के ई पोर्टल पर नीलामी, अवैध खनन पर प्रभावी रोक, रात्रिकालीन गश्त, व अवैध गतिविधियों के खिलाफ अभियान आदि के माध्यम से विभाग को गति दी गई है। विभाग ने कोरोना जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद उल्लेखनीय राजस्व एकत्रित किया है वहीं नियमित मोनेटरिंग से विभागीय गतिविधियों को गति मिली है। निदेशक खान व भूगर्भ विभाग केबी पण्डया ने बताया कि समन्वित प्रयासों और टीम भावना से काम करने का परिणाम है कि राजस्थान की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है।