एमजेआरपी यूनिवर्सिटी में नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने बिखेरा कथक का जादू

- स्टूडेंट्स को बताई कथक और शास्त्रीय संगीत की बारीकियां

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एमजेआरपी यूनिवर्सिटी में नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने बिखेरा कथक का जादू

जयपुर। महात्मा ज्योति राव फुले विश्वविद्यालय सोडाला कैम्पस में सोमवार को प्रख्यात नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने कथक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। एमजेआरपी यूनिवर्सिटी और स्पिक मैके जयपुर चैप्टर की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कथक नृत्य के तीनों तालों पर अपने फन का जादू बिखेरा। कथक नृत्य में उन्होंने तीनों ताल वेग, विलंबित, मध्यम और द्रुत का बखूबी मिश्रण किया।

एमजेआरपी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन निर्मल पंवार ने कोरियोग्राफर और प्रसिद्ध नृत्यांगना गौरी दिवाकर का माला पहनाकर स्वागत किया। पंवार ने सभी आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए।

गौरी दिवाकर के साथ तबले पर योगेश गंगानी, हारमोनियम पर सिमुल्लाह खान और सारंगी पर मोहम्मद अयूब ने संगत की। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने शिव वंदना के साथ की। इसके बाद एक भजन के माध्यम से राम का गुणगान किया। गौरी ने तबला और सारंगी वादन के साथ अपने नृत्य की जुगलबंदी की। साथ ही विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से जीवन के कई रंग और आत्मसुरक्षा के बारे में बताया।

एमजेआरपी यूनिवर्सिटी में नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने बिखेरा कथक का जादू

इस मौके पर नृत्यांगना गौरी दिवाकर कथक और शास्त्रीय संगीत की बारीकियों से स्टूडेंट्स को रुबरु कराया। उन्होंने कुछ स्टूडेंट्स के साथ कथक भी किया। अंत में वंदे मातरम की प्रस्तुति पर जमकर तालियां बटोरी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त फेकल्टी मैंबर्स और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि गौरी दिवाकर मशहूर नृतक गुरु बिरजू महाराज, जयकिशन महाराज और अदिति मंगलदास की शिष्या रही हैं। यह आयोजन भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।

राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस पर सेमिनार आज
राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस पर 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे महात्मा ज्योति राव फुले विवि के सोडाला कैंपस में सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और कई आयोजन होंगे।

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