जयपुर। राजस्थान पुलिस के एक वृताधिकारी के अश्लील वायरल वीडियो के मामले में सोमवार को राजस्थान विधानसभा में रालोपा पार्टी के विधायको द्वारा स्थगन प्रस्ताव लगाया गया परन्तु सदन में इस विषय पर बोलने का समय नही मिला और भाजपा -कांग्रेस के किसी भी विधायक ने मामले में न कोई वक्तव्य दिया गया और न ही सदन में मामला उठाया, क्योंकि वृताधिकारी को बचाने में लगे कई बड़े पुलिस अधिकारी भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के करीबी है।
जिस तरह भाजपा-कांग्रेस ने एक राय होकर परिवहन घोटाले को दबाने का प्रयास किया उसी तरह पुलिस अधिकारी के अश्लील वायरल वीडियो के मामले में दोनों पार्टियों की चुप्पी आपसी गठजोड़ की और संकेत दे रही है।
यह बात रालोपा संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जारी प्रेस बयानों में कही। सांसद ने कहा कि पुलिस अधिकारी के वायरल वीडियो में महीनों तक मामले को दबाकर रखने व हीरालाल सैनी को बचाने के लिए प्रयास करने वाले पुलिस के उच्च अधिकारियों को बर्खास्त करने की जरूरत है। चूंकि मामले के तार सीएमओ और पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी लोगों से जुड़े हुए है और पूरे प्रदेश की नजरें विधानसभा की तरफ है। ऐसे गम्भीर मामले को सरकार व विपक्ष द्वारा गठबंधन करके दबाने का प्रयास करना दुर्भाग्यपूर्ण है।