जयपुर। राज्य के माइंस विभाग ने राजस्व अर्जन में सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में आरंभिक सूचना के अनुसार माइंस विभाग द्वारा 7211 करोड़ 69 लाख रुपए का रेकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह अब तक का किसी एक वित्तीय वर्ष का सर्वाधिक राजस्व अर्जन होने के साथ ही गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से 816 करोड़ रु. से भी अधिक है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने रेकार्ड राजस्व अर्जन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की पारदर्शी कार्यप्रणाली, प्रभावी मोनेटरिंग, टीम भावना और समन्वित प्रयासों का परिणाम रहा है। उन्होंने राजस्व अर्जन के सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित करने के लिए एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल, निदेशक श्री संदेश नायक व विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल के स्वयं के स्तर पर और निदेशक संदेश नायक के साथ निरंतर मोनेटरिग, हौशला अफजाई और टीम भावना से काम करने से विभाग द्वारा यह विशेष उपलब्धि अर्जित की जा सकी है।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वैध खनन को बढ़ावा देने और अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के मार्गदर्शन मेें विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा राजस्व छीजत पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण पर रोक के लिए जहां अभियान चलाकर कार्यवाही की वहीं, वैध खनन को प्रोत्साहित करने के लिए माइनर और मेजर मिनरल्स की ई नीलामी का भी नया रेकार्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष के 6395 करोड़ रु. के राजस्व अर्जन के विरुद्ध दो दिन पूर्व 31 मार्च, 23 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 7211 करोड़ 69 लाख का राजस्व अर्जित किया है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी, एमएमईटी और डीएमएफटी में जमा राशि इसके अतिरिक्त है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में माइंस विभाग के राजस्व संग्रहण में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हुई है। 2019-20 में 4579 करोड़ 09 लाख रु., 2020-21 में 4966 करोड़ 39 लाख रु, 2021-22 में 6395 करोड़ 15 लाख रु और 2022-23 में 7211 करोड़ 69 लाख रु. का राजस्व संग्रहित हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के माइनर व मेजर ब्लॉकों की प्रीमियम दरों पर नीलामी होने लगी है जो शुभ संकेत है।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभाग द्वारा मार्च माह में ही एक हजार करोड़ रु. का राजस्व संग्रहित किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्वाधिक 2006 करोड़ से अधिक का राजस्व भीलवाड़ा वृत में संग्रहित किया गया है वहीं राजसमंद वृत में 1310 करोड़ 93 लाख, जोधपुर वृत में 942 करोड़, उदयपुर वृत में 746 करोड़, जयपुर वृत में 626 करोड़, कोटा वृत में 270 करोड़ और भरतपुर वृत में 251 करोड़ व अन्य 50 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया है।