जयपुर। राज्य के युवाओं को सेमी कण्डक्टर सहित इलेक्ट्रोनिक आइटमों के निर्माण, कौशल उन्नयन और उद्यमियता विकास के लिए जयपुर में ही विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। इसके लिए गुरुवार को केन्द्र सरकार के CSIR-CEERI और DCS के बीच द्विपक्षीय करार पर हस्ताक्षर हुए हैं।
CSIR-CEERI के निदेशक पीसी पंचारिया की उपस्थिति में एमओयू पर सीएसआईआर-सीईईआरआई की और से प्रमोद तंवर और डीसी एस की और से निदेशक अनुज शर्मा ने हस्ताक्षर किए। एमओयू के अनुसार केन्द्र सरकार के सहयोग से जयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलैंस की स्थापना की जाएगी।
भारत सरकार के सेंटर इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक पीसी पंचारिया ने बताया कि देष में सेमी कण्डक्टर और इसी तरह के विश्वस्तरीय उत्पादों के उत्पादन की विपुल संभावनाओं को देखते हुए युवाओं को इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि युवा स्वयं का उद्यम लगाकर रोजगार के अवसर पैदा कर सके। उन्होंने बताया कि सीरी संपूर्ण देश में तकनीकी प्रदान करती है तो डीसीएस विश्वस्तरीय कंपनियों के सहयोग से युवाओं को तकनीकी दृष्टि से दक्ष करती है।
सीडीएस के निदेशक अनुज शर्मा और राहुल नायडू ने बताया कि इलेक्ट्रोनिक व सेमी कण्डक्टर के क्षेत्र में प्रशिक्षित दक्ष युवाओं की अत्यधिक मांग होने के साथ ही इस उद्योग के विकास की विपुल संभावनाएं है। उन्होंने बताया कि इण्डस्ट्रीयल इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डेटा एनालिस्ट, मशीन लर्निंग, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस , इलेक्ट्रीकल व्हीकल , स्मार्ट एग्रीकल्चर आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहां युवाओं में कौशल विकास और तकनीक से रुबरु कराने की आवश्यकता है। यही कारण है कि भारत सरकार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से युवाओं को आगे ला रही है ताकि युवा रोजगार की तलाश के स्थान पर उद्यमी बनकर विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार कर सके।
नियाम के निदेशक डॉ. रमेश मित्तल ने बताया कि राज्य में एग्रोटोनिक्स के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं है। इसके लिए संबंधित संस्थाओं में परस्पर समन्वय आवश्यक है। राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मुख्यकार्यकारी अधिकारी पीआर शर्मा ने प्रस्तावित इंवेस्टमेंट राजस्थान के पूर्व इस करार को प्रदेश के लिए शुभसंकेत बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश से निर्यात की अपार संभावनाओं का दोहन किया जाना आवश्यक है।