चपत लगाई अडानी ने, बिजली बिलो में फ्यूल सरचार्ज के रूप में भुगत रही है जनता

चपत लगाई अडानी ने, बिजली बिलो में फ्यूल सरचार्ज के रूप में भुगत रही है जनता | Adani scolded, public is suffering in the form of fuel surcharge in electricity bills

जयपुर : अडानी पावर राजस्थान से केस हार जाने के बाद बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने उसका भार आम उपभोक्ता पर डाल दिया है। डिस्कॉम ने विधानसभा के सवाल के जवाब में साफ तौर पर माना है कि केस हारने के बाद 2,426 करोड़ रुपए का शुरुआती भुगतान कर दिया गया है। इसकी वसूली बिजली विभाग उपभोक्ताओं पर विशेष फ्यूल सरचार्ज लगाकर कर रहा है। जवाब में यह भी लिखा है कि अडानी पावर को किए जाने वाले भुगतान का यह पैसा अंतरिम है, पूरी रकम का अभी आकलन चल रहा है। अब तक बीजेपी गहलोत सरकार पर अडानी सेस वसूलने का आरोप लगाती रही है।

बिजली डिस्कॉम ने लिखित जवाब देकर यह साफ तौर पर मान लिया है कि अडानी पावर से केस हारने पर जनता से सरचार्ज वसूला जा रहा है। मोटे अनुमान के अनुसार डिस्कॉम को अडानी पावर को करीब 4500 से 5000 करोड़ रुपए और देने पड़ सकते हैं।

अडानी पावर को 2426 करोड़ का अंतरिम भुगतान दिया डिस्कॉम ने
बिजली डिस्कॉम ने कांग्रेस विधायक रमेश मीणा के सवाल के जवाब में लिखा है कि अडानी पावर राजस्थान और राजस्थान डिस्कॉम के बीच पावर परचेज का एग्रीमेंट हुआ था। पावर परचेज एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित दर पर कोयला उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डिस्कॉम की नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की पालना में राजस्‍थान डिस्‍कॉम ने 2426.81 करोड़ रुपए का अंतरिम भुगतान किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला अडानी पावर राजस्थान के पक्ष में दिया। कोयला खरीद के भुगतान संबंधी अंतरिम आदेश के बाद रिव्यू पिटीशन दायर की गयी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। अब पूरे भुगतान की गिनती की जा रही है। अडानी पावर का बारां जिले के कवाई में थर्मल पावर प्लांट है।

सितंबर 2022 तक फ्यूल सरचार्ज की वसूली आम उपभोक्ताओं से
बिजली विभाग ने अडानी पावर से किये गए करार को पूरा करने के लिए 2426 करोड़ के अंतरिम भुगतान की वसूली आम उपभोक्ता से करनी शुरू कर दी है। जवाब में साफ लिखा है कि इस भुगतान की वसूली के लिए 13 जून 2019 को विद्युत विनियामक आयोग ने आदेश जारी किए। विनियामक आयोग ने डिस्कॉम को विशेष फ्यूल सरचार्ज के रूप में 5 पैसा प्रति यूनिट वसूलने के लिए अधिकृत किया।

विशेष फ्यूल सरचार्ज अप्रैल 2018 से जून 2018 के उपभोग पर लगा है। यह पैसा 36 किस्तों में वसूलना है। सितंबर 2019 से इसकी वसूली जारी है। सितंबर 2022 तक यह विशेष फ्यूल सरचार्ज का पैसा वसूला जाएगा।

आगे भी आम उपभोक्ताओं के भार बढ़ना तय
अडानी पावर राजस्थान से केस हारने के बाद अब यह तय है कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 4500 से 5000 करोड़ का भुगतान अभी और करना पड़ेगा। इसकी वसूली भी आम उपभोक्ता से होनी है। सितंबर 2022 तक 5 पैसा प्रति यूनिट की दर से आम उपभोक्ता अडानी को दिए गए शुरुआती भुगतान का पैसा चुकाएगा। अब आगे विशेष फ्यूल सरचार्ज का दोगुना पैसा वसूला जा सकता है।

आगे तीन साल तक फिर 10 पैसे यूनिट का विशेष फ्यूल सरचार्ज वसूला जा सकता है। इसकी साफ वजह है, अब तक 2426 करोड़ अडानी पावर को दिए उसकी वसूली आम उपभोक्ता से हो रही है। आगे अब मोटे अनुमान के अनुसार 4500 से 5000 करोड़ के आसपास का और भुगतान करना है, उसका भार भी उपभोक्ता ही उठाएगा।

ऊर्जा मंत्री बोले- अडानी पावर को भुगतान बीजेपी राज में ही तय
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अडानी पावर को पैसा देने का फैसला बीजेपी सरकार ने ही जाते-जाते कर लिया था। हमने आते ही इसे चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हमारी रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट से रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद पैसा देने के अलावा रास्ता नहीं बचा। उपभोक्ताओं से विशेष फ्यूल सरचार्ज का पैसा विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद ही वसूला जा रहा है।

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