जयपुर। राजस्थान में खनिज रॉकफास्फेट की विपुल संभावनाओं को देखते हुए माइंस विभाग द्वारा रॉकफास्फेट के एक्सप्लोरेशन और रिसर्च कार्य को और अधिक गति दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि देश की कुल मांग का 8 प्रतिशत रॉक फास्फेट राजस्थान के राजस्थान माइंस एवं मिनरल्स द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि शेष 92 प्रतिशत रॉकफास्फेट की मांग पूरी करने के लिए देश पूरी तरह से विदेषों से आयात पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि छिटपुट रुप से रॉकफास्फेट के भण्डार कुछ अन्य प्रदेशों में भी मिलने के समाचार है। आरएसएमएम द्वारा रॉकफास्फेट के साथ ही जिप्सम, लिग्नाइट और लाईमस्टोन का खनन किया जा रहा है।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में आरएसएमएम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उदयपुर के पास झामरकोटड़ा में रॉकफास्फेट के विपुल भण्डार के साथ ही विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश में रॉकफास्फेट के अकूत भण्डार की संभावनाएं जताई जा रही है। ऐसे में रॉकफास्फेट के नए क्षेत्रों की खोज कर इसके खनन कार्य को विस्तारित किया जाएगा ताकि राजस्थान से ही देष की अधिक से अधिक मांग को पूरा करते हुए विदेशों पर आयात से निर्भरता को कम किया जा सके। उन्होंने आरएसएमएम को भी आधुनिक तकनीक से माइनिंग कार्य को गति देते हुए उत्पादकता बढ़ाने के निर्देश दिए। रॉकफास्फेट का भूमि की उर्वरता के लिए रासायनिक उर्वरकों में प्रमुखता से उपयोग होता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आरएसएमएम द्वारा जनवरी माह तक 58 लाख मिलियन टन खनिज उत्पादन किया है जिसमें से 10 लाख 55 हजार मिलियन टन रॉकफास्फेट, 5 लाख 20 हजार मिलियन टन जिप्सम, 9 लाख 71 हजार मिलियन टन लिगनाइट और 32 लाख 63 हजार मिलियन टन लाइमस्टोन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने आरएसएमएम को कारपोरेट सोशियल सिक्योरिटी क्षेत्र में भी अधिक सक्रियता से आगे आने को कहा।
निदेशक माइंस व एमडी आरएसएमएम संदेश नायक ने बताया कि आरएसएमएम द्वारा इस वर्ष जनवरी माह तक रेकार्ड 1635 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने बताया कि इस साल 343 करोड़ का रेकार्ड लाभ प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक 901 करोड़ से अधिक का रेवेन्यू रॉकफास्फेट से प्राप्त हो रहा है।
नायक ने बताया कि आरएसएमएम द्वारा उदयपुर के पास झामरकोटड़ा में रॉकफास्फेट, बीकानेर और पश्चिमी राजस्थान में जिप्सम, जोधपुर, जैसलमेर और नागौर में लाइमस्टोन और जयपुर, नागौर और बाड़मेर में लिग्नाइट के लिए स्टटेजिक इकाइयां कार्य कर रही है। जीजीएम मुकेश चतुर्वेदी, अरुण सिंह, वित्तीय सलाहकार टीआर अग्रवाल आदि ने विस्तार से जानकारी दी। असीम अग्रवाल ने पीपीटी से प्रजेटेंशन दिया। इस अवसर पर उपसचिव माइंस नीतू बारुपाल, एसजी संजय गोस्वामी व आरएसएमएम के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।