जयपुर। राज्य सरकार ने आम नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए बजरी खनन के 16 खनन पट्टे ओर जारी किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा 12 बजरी खनन पट्टे जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बजरी की समस्या लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी वहीं समूचे प्रदेश की कुल मांग की करीब 90 प्रतिशत से भी अधिक बजरी की मांग पूरी की जा सकेगी।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजरी की समस्या से आमनागरिकों को राहत दिलाने के लिए निरंतर समाधान खोजने के निर्देश दिए जाते रहे हैं और मुख्यमंत्री श्री गहलोत के प्रयासों और दिशा-निर्देशों का ही परिणाम है कि लंबे समय से चली आ रही प्रदेश में वैध बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो सकी। उन्होंने बताया कि बजरी से संबंधित सभी प्रकरणों की मोनेटरिंग व समन्वय के लिए अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा को प्रभारी बनाया हुआ है। नये पट्टे जारी होने से अब 30 मिलियन टन से बढकर 60 मिलियन टन उत्पादन क्षमता हो गई है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि आमलोगों को आसानी से और वैध तरीके से बजरी प्राप्त हो सके इसके लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि टोंक, बिलाड़ा, भीलवाड़ा, मांडल, जहाजपुर, रेवदर, जोधपुर, बांगोडा बाड़मेर, आहोर, मालपुरा, रोहट, पाली, झालावाड़, सिरोही, पाली में बजरी खनन की नयी लीज जारी की है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य सरकार को 300 करोड़ रु. का सालाना राजस्व प्राप्त होगा।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है। उन्होंने बताया कि यह 16 पट्टे जारी होने से अब बजरी के 28 खनन पट्टे प्रभावी हो गए है जिनसे कुल मांग की लगभग 90 फीसदी से अधिक पूर्ति हो सकेगी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, जयपुर, झुंझुनू, टौंक,सवाईमाधोपुर और जालौर में पूर्व में बजरी खनन पट्टे जारी हैं और बजरी खनन व आपूर्ति हो रही है।