जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन महीने पहले अपने बजट भाषण के दौरान राजस्थान में 19 नए जिले बनाने का ऐलान किया था। गहलोत सरकार इसे चुनाव में गेमचेंजर मान रही लेकिन ये फैसला अब बैक फायर कर रहा है। दूदू को नया जिला बनाने पर विरोध शुरू हो गया है। जयपुर के आसपास का कोई क्षेत्र दूदू में शामिल होने काे तैयार नहीं है। दूदू जिले में सांभर, फुलेरा और जोबनेर को शामिल करने का विरोध बढ़ने के बाद 25 जून को भारी बवाल हो गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। सीएम के साथ बैठक में जयपुर जिले के विधायकों और मंत्रियों ने यह भी सुझाव दिया कि जयपुर देहात (ग्रामीण) के नाम पर आपत्ति नहीं होगी।बैठक में गहलोत ने दूदू जिले का नाम जयपुर देहात करने के फाॅर्मूले पर अपनी सहमति दे दी है। इसके बारे में अंतिम फैसला जल्द होने की संभावना है।
बगरू, जोबनेर, बगरू, जोबनेर, फुलेरा, सांभर क्षेत्र के लोग दूदू में जाने को तैयार नहीं हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बैठक में सीएम से साफ कहा कि जोबनेर से लेकर आसपास के लोग जयपुर से अलग नहीं होना चाहते हैं। यहां के लोग जयपुर जिले में ही रहना चाहते हैं, हमें जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।फुलेरा, सांभर क्षेत्र के लोग दूदू में जाने को तैयार नहीं हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बैठक में सीएम से साफ कहा कि जोबनेर से लेकर आसपास के लोग जयपुर से अलग नहीं होना चाहते हैं। यहां के लोग जयपुर जिले में ही रहना चाहते हैं, हमें जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।सांभर-फुलेरा की जिले की मांग भी पुरानी है, इन लोगों की बात सुनने की जगह दूदू में जबरदस्ती शामिल करने से आक्रोश है।
बैठक में भी यह सुझाव दिया गया कि इन इलाकों के लोग जयपुर के नाम से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। जयपुर शहर क्षेत्र को जयपुर और दूदू और इसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर जिले का नाम जयपुर ग्रामीण कर दिया जाता है। लोग तैयार हो जाएंगे। ऐसे में अब दूदू जिले की जगह जयपुर ग्रामीण नाम किया जा सकता है।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि काफी जगह यह बात आ रही है कि हम नए जिलों में नहीं जाएंगे, जो जिन जिलों में नहीं जाना चाहता उनको जबरन नहीं भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री खुद यह कहते हैं कि जब मैं जनता का सम्मान करता हूं तो टकराव क्यों करूंगा। वहीं जयपुर शहर के दो टुकड़े नहीं होने को लेकर भी उन्होंने दोहराया कि जयपुर में हेरिटेज और ग्रेटर के ढाई सौ वार्ड एक ही रहेंगे. जयपुर शहर जयपुर ही रहेगा।
पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी भी मुख्यमंत्री आवास पर इस बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि आज जिस तरह से सकारात्मक बात हुई और मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जयपुर जैसे पहले था वैसे ही रहेगा। ज्यादा से ज्यादा जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण 2 जिले बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर चाकसू को दूदू जिले में शामिल किया जाता है तो मैं जिस स्तर पर जाना पड़ेगा, उस स्तर तक जाऊंगा। जब मुख्यमंत्री ने पहुंचते ही यह कह दिया की जैसा आप और जनता चाहेगी वैसा ही होगा तो ऐसे में अब कोई नाराजगी की बात नहीं है।