ईश्वरदत्त माथुर ने राज्यपाल को ‘मौन स्वर’ की प्रथम प्रति भेंट की

मौन स्वर

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र को सोमवार को राजभवन में प्रसिद्ध रंगकर्मी, कवि और जनसम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक ईश्वरदत्त माथुर ने अपनी सद्य प्रकाशित काव्य कृति ‘मौन स्वर’ की प्रथम प्रति भेंट की। राजस्थान विधानसभा के पूर्व मुख्य शोध एवं संदर्भ अधिकारी एवं लेखक, संपादक डॉ. कैलाश सैनी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

माथुर ने बताया कि ‘मौन स्वर’ काव्य कृति में अपनी जीवनानुभूतियों और सामाजिक रिश्तों, प्रकृति से जुड़े काव्य संवेदन मन को शब्दों में पिरोया है। उन्होंने बताया कि रंगमंच और कलाओं से निरंतर जुड़ाव के दौरान अंतर्मन में जो कुछ नवीन पाया उसे भी अपने इस काव्य संग्रह की कविताओं में बुना है। संग्रह की कविताएं मौन और एकांत में अपने आपको शब्दों के जरिए तलाशने का एक तरह से प्रयास हैं। इससे पूर्व ईश्वर माथुर की एक कविता संग्रह “उजियारे की डोर ” प्रकाशित हो चुका है। माथुर रंगकर्म के अलावा राजस्थान की लोक संस्कृति में भी गहरी दखल रखते हैं और स्वयं भी लोकगीत गायक हैं।

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