जिप्सम परमिट प्रक्रिया का होगा सरलीकरण, चौथे चरण की परमिट प्रक्रिया होगी शीघ्र आरंभ – एसीएस डॉ. अग्रवाल

जिप्सम

जयपुर। राज्य में खनिज जिप्सम कीे परमिट प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह जानकारी आज सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान दी। उन्होंने जिप्सम के चतुर्थ चरण परमिट के लिए आवेदन प्राप्त करने की आवश्यक तैयारियां शीघ्र पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि देश में सर्वाधिक मात्रा में जिप्सम के भण्डार राजस्थान में है। खेत की उर्वरा शक्ति में सुधार के लिए जिप्सम उपयोगी है। राज्य के बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, नागौर सहित अनेक जिलों में जिप्सम के भण्डार है। उन्होंने बताया कि सतह से तीन मीटर गइराई तक जिप्सम के खनन को गैर खनन गतिविधि घोषित किया हुआ है और इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति की भी आवश्यकता नहीं है। जिप्सम का उपयोग खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि टीम भावना से कार्य करने का ही परिणाम है कि वर्ष 2021-22 के दौरान नए प्लॉटों तैयार करने, प्लॉटों की नीलामी और राजस्व संग्रहण में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस गति को चालू वित्तीय वर्ष में भी बनाए रखा जाएगा। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने सतर्कता विंग के पुनर्गठन सहित विभाग के पुनर्गठन के प्रस्तावों को अंतिम रुप देकर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने पांच विभाग के संयुक्त जांच अभियान की प्रगति की भी जानकारी ली। बैठक में उप सचिव राजेन्द्र शेखर मक्कड, नीतू बारुपाल, डीएलआर गजेन्द्र सिंह, ओएसडी महावीर प्रसाद मीणा, अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, एसजी सुनील वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *