जयपुर। कोरोना महामारी के दो साल बाद इस बार गायत्री जयंती और गंगा दशहरा 9-10 जून को धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों में वेदमाता गायत्री और पुण्य सलिला गंगा का भावभरा आह्वान कर पूजा-अर्चना की जाएगी। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से ब्रह्मपुरी, वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ, मानसरोवर के वेदना निवारण केंद्र सहित सभी सभी गायत्री चेतना केंद्रों पर वेदमाता गायत्री का प्राकट्य उत्सव उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।
गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि दोनों शक्तिपीठों और सभी चेतना केन्द्रों पर 9 जून को सुबह से शाम तक सबकी सद्बुद्धि की कामना के साथ सामूहिक गायत्री महामंत्र का अखंड जप किया जाएगा। शाम को दीप यज्ञ होगा। दूसरे दिन 10 जून को सुबह 8 बजे से शक्तिपीठों, वेदना निवारण केंद्र और सभी चेतना केंद्रों पर गायत्री महायज्ञ किया जाएगा। इस मौके पर पर्व पूजन होगा और दीक्षा, नामकरण, पुसंवन, विद्यारंभ सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे। गायत्री परिवार जयपुर जोन के प्रभारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि यज्ञ से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 29 मई को मानसरोवर की वेदना निवारण केंद्र पर सभी कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। इस बार गायत्री जयंती पर ज्यादा से ज्यादा नए परिजनों को जोडऩे पर दिया जाएगा। गायत्री महामंत्र से जुड़ी पुस्तकें आधे मूल्य पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
दो साल ऑनलाइन हुए आयोजन
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल में गायत्री जयंती का पर्व ऑनलाइन माध्यम से ही मनाया गया था। शक्तिपीठ और गायत्री चेतना केंद्रों पर वहां निवासरत श्रद्धालुओं ने ही जयंती मनाई। इस दौरान बाहर के श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहा। लेकिन इस बार गायत्री जयंती पर इस तरह की कोई बंदिश नहीं है।
यहां भी होंगे आयोजन
खोले के हनुमान मंदिर और गलता गेट स्थित गायत्री मंदिर, स्टेशन रोड, चौड़ा रास्ता, जयनिवास उद्यान के गंगा माता मंदिर में गंगा दशहरा और गायत्री जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।