नेट थिएट पर फतेह अली खान ने बुनी सुरों की मखमली जाज़म

फतेह अली खान

जयपुर। राजस्थान की धरती पर तेजी से उभरते युवा सन्तूर वादक फतेह अली खान का संतूर पर आघात का बैलेंस और घसीट एवं सपाट की तानों का कुशल निकास ऑनलाइन दर्शकों के लिए रोमांच का कारण बन गया। मौका था शनिवार को नेट-थिएट पर आयोजित सांगीतिक श्रृंखला में संतूर वादन की प्रस्तुति का। नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि फतेह अली ने इस शत तन्त्री वाद्य पर अपनी मजबूत पकड़ को दर्शाया वहीं राग किरवानी को अपने वादन का माध्यम चुना। एक ताल में निबद्ध मध्य लय की इस बंदिश को पूर्णमनोयोग से बखूबी निभाया साथ ही द्रुत तीन ताल में छोटी छोटी तानों और तैयारी पक्ष से शास्त्रीय संगीत की मखमली जाजम बुनी।

उन्होंने संगीत के सुधीजनों को कमाल ए फन से रूबरू कराया। फतेह अली वादन में इतने रम गए कि देखते ही देखते संतूर के सौ तारों से सुरों का झरना प्रस्फुटित होता नजर आया। फतेह ने अपने वादन का समापन राग पहाड़ी में तेरी तिरछी नजरिया के बान… दादरा की खास प्रस्तुति से किया। उनके साथ तबले पर शफात हुसैन ने सधी हुई संगत कर महफिल को परवान चढ़ाया। संगीत शानू एवं कैमरा जितेन्द्र शर्मा, प्रकाष मनोज स्वामी व दृष्य सज्जा धृति शर्मा, अंकित शर्मा नोनू, रहे।

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