नई दिल्ली। राजस्थान ब्राह्मण महासभा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष अरुणा गौड़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर राजस्थान में विप्र बोर्ड गठन करने की मांग की है। पत्र में लिखा कि पूर्व वसुंधरा सरकार ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में विप्र बोर्ड गठन का वादा किया था लेकिन लागू नही किया जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में इसकी घोषणा की गई है।
अरुणा गौड़ ने पत्र में मांग की है कि राज्य में “गरीब ब्राह्मण विवाह” के लिए भी एक लोकप्रिय नीति की घोषणा की जानी चाहिए। प्रदेश ब्राह्मण समाज मे बेरोजगारी शिखर पर है। परम्परागत धंधे भी अब ब्राह्मणों के हाथ से निकल रहे है। नए पढ़े लिखे ब्राह्मण युवक युवती अब स्वरोजगार करना चाहते है लेकिन बुनियादी सुविधाओं और आर्थिक सहयोग के अभाव में वे ऐसानही कर पा रहे है। इसका दुष्प्रभाव ब्राह्मण परिवारों पर पड़ रहा है। आज ब्राह्मण परिवारों में 30-35 साल के अविवाहित युवक युवती बड़ी संख्या में है। गिरी हुई आर्थिक स्थिति के कारण इनके विवाह नही हो पा रहे है।
ऐसी स्थिति में बुढाते माँ बाप पोते पोती के मुंह देखे बिना ही स्वर्गसिधार जाते है और उनकी आत्मा अतृप्त रहती है। उन्होंने कहा कि गरीब ब्राह्मण युवक से विवाह करने पर दम्पति को उपहार स्वरूप सरकार की तरफ से 100000 रु दिया जाए। महोदय अंतरजातीय विवाह के लिए सरकारों द्वारा दिये जाने वाले 300000रु की तुलना में ये आधी राशि भी नही है।