जयपुर : कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को धौलपुर के बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में डिस्कॉम AEN के हाथ-पैर तोड़ने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले मलिंगा ने 11 मई को जयपुर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया था। 12 मई की दोपहर को उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया। जहां वकीलों की तमाम दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मलिंगा को 15 दिन की ज्युडिशियल कस्टडी में भेज दिया था।
15 दिन बाद विधायक मलिंगा को फिर से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। लेकिन इस बीच विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर दी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। एडवोकेट अब्दुल सगीर खान ने बताया कि एससी-एसटी कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बेंच में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की ओर से बेल अपील पेश की गई थी। एडवोकेट सुधीर जैन ने मलिंगा की ओर से कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि विधायक मलिंगा पर धारा 332 और 353 में ही मुकदमा बनता है। इस आधार पर उन्हें जमानत दे दी गई।