जनसुनवाई के दौरान पीसीसी में कांग्रेस पार्षदों ने किया हंगामा, कहा – BJP MLA के इशारे पर काम कर रहे धारीवाल’

पार्षदों

जयपुर : कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों की जनसुनवाई के दौरान भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा से आए कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। मंत्री के समर्थकों से नोकझोंक की। कांग्रेस पार्षद और भीलवाड़ा के नेता शाहपुरा नगर पालिका के अध्यक्ष रघुनंदन सोनी और ईओ भानुप्रताप सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे। जब यूडीएच मंत्री ने शाहपुरा के कांग्रेस नेताओं की मांग नहीं मानी तो हंगामा होने लगा। भीलवाड़ा के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने मंत्री शांति धारीवाल पर बीजेपी के नगरपालिका अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में बचाने और ​बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल के इशारे पर काम करने के आरोप लगाए।

बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे हंगामे के बाद शाहपुरा के कांग्रेस पार्षदों और स्थानीय नेताओं ने कहा कि हम एक साल से यूडीएच मंत्री से शाहपुरा के नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। नगरपालिका चेयरमैन के खिलाफ एसीबी में एक साल से केस दर्ज है,​ लेकिन यूडीएच मंत्री आगे कार्रवाई नहीं करने दे रहे हैं। धारीवाल शाहपुरा में बीजेपी विधायक कैलाश मेघवाल के कहने से ही ईओ लगाते हैं। हमारी सुनवाई नहीं होती। हम नगरपालिका ईओ को हटाने की मांग कर रहे हैं। ईओ बीजेपी विधायक की सलाह पर काम कर रहा है। जनसुनवाई के दौरान हंगामा करने वाले भीलवाड़ा के कांग्रेस नेताओं और पार्षदों की सेवादल कार्यकर्ताओं से हल्की नोकझोंक हुई। हंगामा बढ़ता देख यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ जनसुनवाई कर रहीं उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बीच-बचाव ​कर उन्हें शांत करवाया।

धारीवाल पर लगाई आरोपों की झड़ी

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नगरपालिका चेरयमैन करप्शन में डूबा है, लेकिन धारीवाल सुनवाई नहीं करते हैं। इसीलिए आज यहां जनसुनवाई में आए हैं। बीजेपी विधायक के कहने पर ही नगरपालिका चेयरमैन के खिलाफ जांच को लटका रखा है। पार्षदों के हंगामे पर धारीवाल ने कहा- वे कुछ भी कहें और कुछ भी आरोप लगा सकते हैं। वे नगरपालिका ईओ का तुरंत तबादला करवाना चाहते थे। ईओ के तबादलों पर 15 जुलाई को ही बैन लगा दिया। तबादला नहीं कर सकते ।

शांति धारीवाल के साथ पीसीसी की जनसुनवाई में मौजूद उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा- हमारा परिवार बड़ा है। बड़े परिवार में छोटे-मोटे झगड़े चलते रहते हैं। मंत्रीजी इनके हैं और ये मंत्री के हैं। इन्हें मंत्रीजी से और मंत्रीजी को इनसे झगड़ने का अधिकार है।

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