जयपुर: राजस्थान के जयपुर में सबसे ऊंची बिल्डिंग की नींव 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रखेंगे। 116 मीटर ऊंची ये बिल्डिंग कोई मॉल या रेजीडेंशियल फ्लैट न होकर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल एसएमएस की एक यूनिट आईपीडी टॉवर की होगी। जेडीए अधिकारियों का दावा है कि किसी भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में ये देश की सबसे बड़ी बिल्डिंग होगी। इस बिल्डिंग में 22 मंजिल बनाई जाएगी, जबकि ऊपर की दो मंजिल पर एक हेलीपैड तैयार होगा। ये प्रदेश का पहला हॉस्पिटल होगा जहां एयर एम्बुलेंस की सुविधा होगी और हेलिकॉप्टर छत पर लैंड हो सकेंगे।
मेडिकल एजूकेशन डिपार्टमेंट राजस्थान के सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि इस आईपीडी टॉवर में 1200 बैड (792 जनरल, 150 कॉटेज, 166 आईसीयू और 92 प्रीमियम रूम) होंगे। इसके अलावा 20 ऑपरेशन थिएटर के अलावा 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर होंगे। इसके अलावा सिटी, एमआरआई, मेडिकल साइंस गैलेरी, फार्मेसी स्टोर, सेमिनार हॉल समेत अन्य कई सुविधाएं विकसित होगी।
यही नहीं यहां कई तरह की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीने लगाई जाएगी। इस बिल्डिंग में आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए 16 लिफ्ट लगाई जाएंगी, जबकि दो मंजिल पर पार्किंग डवलेप होगी। इस पूरे प्रोजेक्ट को 2 फेज में पूरा किया जाएगा, जिस पर करीब 456.80 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
एक ही बिल्डिंग में होगा हार्ट की सभी बीमारियों का इलाज
इसी तरह हार्ट से संबंधित मरीजों का इलाज और यहां पढ़ाई करने वाले मरीजों के लिए एक नई यूनिट भी बनाई जाएगी। इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंस खोला जाएगा। इसका भी शिलान्यास 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री करेंगे। एसएमएस हॉस्पिटल में इमरजेंसी के पास इस बिल्डिंग को बनाया जाएगा। 4 मंजिला इस बिल्डिंग में ओपीडी रूम, सिटी स्कैन-एमआरआई लैब, कार्डियक डायग्नोसिस, हीमेटोलोजी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, 4 कैथ लैब, 3 ऑपरेशन थिएटर समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। इसके अलावा सबसे टॉप फ्लोर पर रिसर्च रूम और टीचिंग रूम बनाया जाएगा।