जयपुर : राजस्थान रीट लेवल-1 से बीएड धारियों को बाहर करने की मांग को लेकर BSTC अभ्यर्थियों का धरना 29वें दिन भी जारी है। बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार ने अब तक ना हमसे बात की और ना ही कोर्ट में पैरवी की तैयारी की है। जिसकी वजह से प्रदेश के 4 लाख से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधरझूल में अटक गया है। ऐसे में सरकार ने अगर हमारी मांगे नहीं मानी तो हमें मजबूरन उग्र आंदोलन की राह पर जाना पड़ेगा।
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री गहलोत तक अपनी मांगे पहुँचाने के लिए सिविल लाइन की ओर कूच किया लेकिन पुलिस बेरिकेटिंग के कारण नहीं जा पाए। पुलिसकर्मियों ने अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों से वार्ता करवाने का आश्वासन भी दिया। प्रशासन की समझाइश के बाद अभ्यर्थियों ने कूच नहीं करने का निर्णय लिया। बता दें कि रीट लेवल-1 का परिणाम अभी हाईकोर्ट के निर्णय का अधीन है। जिसपर कल 9 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे रामकेश ने बताया की एनसीईटी की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित कई राज्यों में इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। साथ ही कई राज्यों में भर्ती के समय निकाली गई विज्ञप्ति में लेवल-1 में बीएड धारियों को बाहर किया गया। जबकि लेवल-1 में BSTC अभ्यर्थियों का हक रहा है। ऐसे में सरकार प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के लिए हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में मजबूती के साथ पक्ष रखे।
वहीं धरने पर बैठे BSTC संघर्ष समिति के पधाधिकारियों प्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव चोटियां ने बताया कि रीट लेवल 1 में हमेशा से ही BSTC अभ्यर्थियों का हक रहा है। विभाग की ओर से विज्ञप्ति में भी लेवल 1 को BSTC अभ्यर्थियों के लिए रिजर्व रखा था। लेकिन बीएड अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका दिया। ऐसे में सरकार को छात्रों के हिट में हाई कोर्ट में पैरवी करनी चाहिए।