REET पेपर लीक मामले में शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन: सवाई माधोपुर के जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा समेत 14 सरकारी कर्मचारी किए निलंबित

जयपुर: राजस्थान की सबसे बड़ी परीक्षा रीट (REET) के संपन्न होने के बाद पेपर लीक मामले में अब शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को सवाई माधोपुर जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा को भी निलंबित कर दिया। साथ ही 14 सरकारी कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया है। रीट में उनकी भूमिका संदेह पद पाई गई थी। शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा कि रीट परीक्षा के दौरान कुछ स्थानों पर पेपर लीक होने का मामला सामने आया है। जिनमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे। जिन्हें सरकार द्वारा तत्काल सस्पेंड किया जा चुका है।

शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बताया कि राजस्थान में रीट परीक्षा के दौरान कुछ स्थानों पर धांधली की शिकायतें मिली थी। इसको लेकर पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप लगातार जांच कर रहे हैं। ऐसे में फिलहाल पुलिस और एसओजी की टीम आरोपियों से पूछताछ कर उनके साथियों की तलाश में जुटी हुई है। डोटासरा ने बताया की रीट परीक्षा में जो भी व्यक्ति दोषी है। उन सबके खिलाफ करवाई की जायगी। ताकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले सभी आरोपियों को पकड़ा जा सके।

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सवाई माधोपुर जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा
14 सरकारी कर्मचारी हुए निलंबित

राजस्थान की सबसे बड़ी परीक्षा रीट में हुई नकल के बाद शिक्षा विभाग में 14 कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की सख्त कार्रवाई की गई है। जिसमें सवाई माधोपुर जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा, सिरोही से कनिष्ठ सहायक मनोहर, जालौर से व्याख्याता मनोहर लाल, जालौर से अध्यापक सुरेश कुमार बिश्नोई, जालौर से अध्यापक प्रकाश चौधरी, बाड़मेर से अध्यापक रमेश कुमार, नागौर से अध्यापक रामनिवास बसवाना, नागौर से अध्यापक श्रवण राम, डूंगरपुर से अध्यापक भवरलाल कड़वासरा, डूंगरपुर से शारीरिक शिक्षक हरीश चंद्र पाटीदार, राजसमंद से अध्यापक मांगी लाल दर्जी, राजसमंद से अध्यापक श्रवण कुमार, भरतपुर से अध्यापक लक्ष्मण सिंह और बूंदी से अध्यापक श्रवण कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है।

शिक्षक से लेकर पुलिस तक सबके नाम नकल में सामने आए

दरअसल, राजस्थान में 26 सितंबर को 31 हजार पदों के लिए रीट का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में 25 लाख अभ्यार्थी शामिल हुए थे। लेकिन कुछ स्थानों पर शिक्षक और पुलिस के कर्मचारियों द्वारा ही पेपर लीक करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर बढ़ते विरोध को खत्म करने की कोशिश की है।

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