भानु ने रागो से किया ठुमरी के भावों का श्रृंगार

भानु

जयपुर। युवा गायक भानु कुमार राव ने अपने गायन के जिस अंदाज के साथ ठुमरिया पेश की उनके शाब्दिक श्रृंगार के साथ भाव और रागो की शुद्धता का श्रोताओं ने भरपूर आनंद उठाया। भानु ने जवाहर कला केंद्र द्वारा आयोजित ठुमरी गायन में अपनी प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने राग” देस ” में ‘मोरे सैयां बुलावे जी आधी रात, नदिया धीरे बहो ” भिंन्न षडज में ” नजरिया लागे नाही” के अलावा राग मिश्र खमाज में “सावन की ऋतु आई रे सजनवा प्रीतम घर नहीं आए ” गाकर सावन में प्रियतमा की विरह वेदना को साकार किया। भानु की गायकी में ठुमरी अंग बहुत सच्चाई से सुनाई दे रहा था।

भानु राव ने राग “किरवानी” में प्रसिद्ध भजन ” जगत में झूठी देखी प्रीत ” गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। भानु राव के साथ हारमोनियम पर बनस्थली के राजेंद्र बनर्जी और तबले पर उनके गुरु और पिता पंडित रामस्वरूप राव ने बेहतरीन संगत की। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हुए युवा गायक भानु कुमार राव एक प्रतिभा संपन्न उदयीमान शास्त्रीय गायक है भानु के गायन को सुनकर दर्शकों का कहना था कि इस युवा कलाकार में भविष्य की संभावनाएं परिलक्षित होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *