सांसद रंजीता कोली को धमकी देने के मामले में आया नया मोड, मानसिक बीमार नाबालिग ने कहा- मैंने दी थी धमकी

रंजीता कोली

बयाना : भरतपुर सांसद रंजीता कोली के घर हुए हमले और उनके पोस्टर पर जिंदा कारतूस चिपका कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में रविवार को नया मोड़ आया। रविवार को एक मंदबुद्धि नाबालिग ने कंट्रोल रूम पर फोन कर बताया कि उसने ही रंजीता कोली के घर फायरिंग की थी और उनके फोटो पर जिंदा कारतूस चिपका कर उनको मारने की धमकी दी थी। नाबालिग के फोन करने के बाद पुलिस ने नाबालिग बच्चे को पकड़ लिया।

लोकेशन निकाल पुलिस ने पकड़ा नाबालिग को

फोन करने पर पुलिस ने नाबालिग से उसका पता पूछा। नाबालिग ने पुलिस से कहा कि पुलिसकर्मी उसकी लोकेशन निकाल कर आ जाएं। कंट्रोल रूम पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसका पता देने के लिए जोर डाला तो नाबालिग ने पुलिसकर्मियों को अपना पता बता दिया। पुलिसकर्मियों ने इस बारे में अपने अधिकारियों को बताया। फिर उसकी लोकेशन निकाल कर उसे उसके घर से पकड़ लिया।

बयाना सीओ अजय शर्मा ने पूरे मामले पर बताया की पुलिस ने फोन करने वाले नाबालिग को पकड़ लिया है। वह मानसिक रूप से बीमार है। उसका इलाज चल रहा है। करीब डेढ़ साल पहले नाबालिग ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उसे जयपुर में भर्ती किया गया था। नाबालिग की बातों में कोई सच्चाई नजर नहीं आ रही। फिर भी मामले की जांच की जा रही है।

क्या था पूरा मामला

9 नवंबर की रात भरतपुर सांसद रंजीता कोली के घर के बाहर फायरिंग हुई थी। इसकी आवाज सुन उन्होंने घर का गेट खोला तो उन्हें एक पोस्टर और एक लेटर मिला। पोस्टर पर दो जिंदा कारतूस चिपकाए हुए थे। बदमाशों ने घटना के बाद सांसद के घर एक धमकी भरा लेटर छोड़ा। उसमें लिखा हुआ था कि दलित है, दलित बनकर रह। सारी सांसदगीरी निकाल देंगे। पहले छोड़ दिया तो नहीं मानी। औकात में रह, तेरे को न तो अंबेडकर बाबा साहब बचाएगा और न मोदी और शाह। यह तो सिर्फ एक ट्रेलर है। अगली बार तेरे अंदर गोलियां भर देंगे।

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