जयपुर : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के मुकाबले में उतरे बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों ने यूटर्न कर लिया है, अब ये विधायक 23 जून को होने वाली 13 निर्दलीयों के साथ बैठक में भाग नही लेंगे। ये यू-टर्न संभवत: अभी भी पार्टी से अलग-थलग बने रहने के लगने वाले आरोपों तथा कांग्रेस में आने के बाद उन पर भी अनुशासनहीनता की कार्रवाई के अंदेशे को देखते हुए लिया है, क्योंकि इन विधायकों ने ही पायलट समर्थकों की बयानबाजी और पूर्व के मानेसर कैम्प को लेकर पार्टी के गद्दार होने का आरोप लगाया था। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की ओर से करौली से विधायक लाखन सिंह ने बैठक में भाग नहीं लेने की पुष्टी की, लेकिन इसके कारण नहीं बताए।
बदली हुई रणनीति के तहत अब केवल निर्दलीय ही कल बैठक करेंगे। चूंकि निर्दलीय स्वतंत्र है और उन पर किसी दल विशेष की आचार संहिता लागू नहीं होती। इन निर्दलीयों में से राजकुमार गौड़ ने तो हाल में वैक्सीनेशन पर सीएम की वीसी में भी कहा था कि सभी निर्दलीय 13 विधायक हम सीएम के साथ है।
इस बार निर्दलीयों को किया जा सकता है आगे
निर्दलीय विधायकों की अगवाई सिरोही से विधायक संयम लोढ़ा कर रहे बताए। वे सीएम के काफी निकट माने जाते है। संभवत: इस बार निर्दलयों को पायलट के मुकाबले में आगे किया जा सकता है। लोढ़ा ने तो विधायकों की कार्यशाला आयोजित कर अनुशासन का पाठ पढ़ाने तक की बात भी कहीं थी।
महादेव सिंह खण्डेला गहलोत ही कांग्रेस और कांग्रेस ही गहलोत कह अपनी निष्ठा आठ सिविल लाइंस के प्रति जता ही चुके हैं। अब जी 19 के स्थान पर 13 का ही समूह फिलहाल रह गया है। निर्दलीयों की कल होने वाली बैठक में ये क्या रणनीति बनाते है और क्या बयान इनके आते है उस पर सबकी नजर है।