गहलोत की दिल्ली दौरे के दौरान राहुल गांधी से कोई अलग से मीटिंग ही नहीं हुई

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दिल्ली दौरे के दौरान 16 अक्टूबर को हुई मेल मुलाकातों को लेकर मीडिया में आ रही तरह-तरह की खबरों के बाद आज असलियत से पर्दा उठा हैं। मुख्यमंत्री अपनी इस दिल्ली यात्रा के दौरान सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद राजस्थान को लेकर बनी समिति की बैठक में शामिल हुए थे उसमें समिति के सदस्य के.सी.वेणुगोपाल व अजय माकन के साथ केवल प्रियंका गांधी इस बैठक में मौजूद थी। राहुल गांधी बैठक थे ही नहीं।
सीएम के ओएसडी का इस बारे में ट्वीट भी सामने आया है जिसमें कहा गया है कि कुछ मीडिया संस्थान अज्ञानतावश अथवा शरारतपूर्ण मानसिकता के कारण माननीय मुख्यमंत्री एवं राहुल गांधी की 16 अक्टूबर को मुलाकात से संबंधित खबरें चला रहे हैं।

16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की राहुल गांधी से कोई मुलाकात नहीं हुई।राहुल गांधी के आवास पर राजस्थान को लेकर बनी हुई आईसीसी समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में अशोक गहलोत, श्रीमती प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन शामिल थे। लेकिन कुछ मीडिया संस्थान इस बैठक में राहुल के शामिल होने की अफवाह फैलाकर गलत खबरें चला रहे हैं। किसी भी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान द्वारा ऐसी मनगढंत खबरें चलाना शर्मनाक है।

राजनैतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा का दिया गया हवाला

मुख्यमंत्री के ओएसडी की ये प्रतिक्रिया एक समाचार पत्र में राहुल गांधी की ओर से अशोक गहलोत को फटकार लगाने के छपे समाचार के बाद आई हैं, हालांकि राहुल गांधी से मुलाकात की खबरे तो 16 अक्टूबर से बहुत से इलेक्ट्रोनिक्स व प्रिंट मीडिया में आई थीं, लेकिन राजस्थान को लेकर राहुल गांधी की ओर से डाटने फटकारने की खबरों के बाद गहलोत की मुलाकात का वास्तविक खुलासा किया गया।

प्रिंट मीडिया के एक अखबार की ओर से ‘गहलोत को राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री को दिल्ली तलब किया’ शीर्षक से छपी इस खबर में 22 अक्टूबर को गहलोत के फिर से दिल्ली जाने की बात भी कही गई है। साथ ही कहा गया है कि उन्हें राजनैतिक नियुक्तियों की लिस्ट को लेकर बुलाया गया हैं। खबर में पोइंटर भी मजेदार दिए गए हैं जिनमे पहला पोइन्ट है कि पिछले दिनों गहलोत की राहुल गांधी से हुई मुलाकात में राहुल ने इस लिस्ट (राजनैतिक नियुक्तियों) के बारे में पूछा तो, वे (गहलोत) दांये-बांये वेणुगोपाल व माकन को देखने लगे। राहुल गांधी ने कहा- मेरी तरफ देख मुझसे सीधे बात करों।

अफसरों को अधिक तब्बजो देने पर नाराजगी की भी कहीं गई थी बात

खबर के दूसरे पॉइंट में इससे भी मजेदार बात लिखी गई है कि राहुल ने तमतमा कर यह भी कहा। अगर यह ही आपका रवैया है तो, स्वयं ही हाईकमान क्यो नहीं बन जाते हैं। इसी तरह तीसरे पोइन्ट के रूप में लिखा गया है कि राहुल ने यह भी कहा कि नई नियुक्तियों की लिस्ट में केवल पार्टी के कार्यकर्ता ही होंगे, कोई एमएलए नहीं। चौथे पॉइंट के अनुसार राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता दिलवाई हैं, सरकारी अफसरों ने नहीं, तो फिर अफसरों को क्यों इतना सशक्त किया जा रहा हैं और कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिया जा रहा। इस खबर की राजनैतिक गलियारों में काफी चर्चा उठी तो शाम को जाकर सीएम के यहां से वास्तविक स्थिति का खुलासा करते हुए बताया गया कि राहुल गांधी से तो मुलाकात ही नहीं हुई।

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