जयपुर। कांग्रेस में छीड़ी असंतोष की रार थमने का नाम ही नहीं ले रही। एक-दूसरे पर प्रहार का कोई सा गुट मौका नहीं चूक रहा। पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने जब चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग पर अजा-जजा के खिलाफ सरकार से फैसले करवाने के गंभीर आरोप लगाए तो गर्ग ने कल ट़वीट के जरिए कहा था कि ये मौसम ही हैं ऐसा, आतुर है परिंदे, घोंसले बदलने के लिए। कुछ ऐसा ही ट्वीट सोलंकी ने किया है जिसे सुभाष गर्ग के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
कुछ परिंदे खुद का घोंसला कभी नहीं बनाते वे दूसरों के बनाए घोंसलों पर ही कब्जा करते हैं ।
खुद का मतलब पूरा होते ही फिर उड़ जाते हैं,अगले सीजन में फिर किसी का घोंसला कब्जा लेते हैं ।
घना से भटके ये परिंदे प्यास बुझाने के लिए कभी हैंडपंप तो कभी पोखर में चोंच मारते नजर आते हैं।— Ved Prakash Solanki (@Ved_Solanki1) June 14, 2021
वेद सोलंकी ने अपने ट्वीटर हैण्डल पर जो लाइन डाली है उसमें कहा गया है कि कुछ परिंदे खुद का घोंसला कभी नहीं बनाते… वे दूसरों के बनाए घोंसलों पर ही कब्जा करते हैं… खुद का मतलब पूरा होते ही फिर उड़ जाते हैं…अगले सीजन में फिर किसी का घोंसला कब्जा लेते हैं…घना से भटके ये परिंदे प्यास बुझाने के लिए कभी हैंडपंप तो कभी पोखर में चोंच मारते नजर आते हैं…
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सोलंकी ने सुभाष गर्ग को बिना घोंसले वाले परिंदे की संज्ञा देते हुए कहा है कि ये परिंदे ऐसे होते है जो दूसरों के घोंसलो पर कब्जा जमा लेते है और जरूरत पूरी होते ही उड़ जाते हैं। सोलंकी यहीं नहीं रूके और कहा कि अगले सीजन में कोई नए घोंसले पर कब्जा जमा लेते हैं। राष्ट्रीय लोकदल के चुनाव चिंह हैण्डपंप का भी अपने ट़वीट में बड़ी होशियारी से जिक्र करते हुए लिखा है कि घना से भटके ये परिंदे प्यास बुझाने के लिए कभी हैंडपंप तो कभी पोखर में चोंच मारते नजर आते हैं।
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पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के 12.23 पर ट्वीट करते ही आलम ये है कि पायलट समर्थकों ने इस ट्वीट को लपक लिया। ग्यारह मिनट में ही 72 रिट्वीट हो गए। लाइक करने वालों की तो बाढ़ सी आ गई। कमेन्टस् भी जबरदस्त आए हैं। लोगों ने सोलंकी की भाषा पढ़कर अंदाज लगा लिया कि ये गर्ग के ट़वीट का ही जवाब है। एक ट्वीट में कहा गया है कि इसे कहते है कि एक सौ सुनार की, एक लौहार की ….. आ गया स्वाद
एक ने लिखा है- खूब चोट मारी है… सीधा कलेजे पर खटकेगी…
इस तरह के बधाई वालों से ट़्वीट का कमेंन्ट बॉक्स भरता ही जा रहा हैं।
कल रात सुभाष गर्ग का किया हुआ ट़वीट
ये मौसम ही है ऐसा,आतुर हैं परिंदे ,घोंसले बदलने के लिए
— Dr. Subhash Garg (@drsubhashg) June 13, 2021