ओबीसी वर्ग को सरकारी क्षेत्र में मिले समुचित प्रतिनिधित्व – बेनीवाल

नई दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को पारित हुए संविधान 127 वें संसोधन विधेयक 2021 की चर्चा मे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी भाग लिया और ओबीसी के हितों से जुड़ी विभिन्न बातो को सदन मे रखा। सांसद बेनीवाल ने कहा कि एक बहुत बड़े संघर्ष के बाद सामाजिक न्याय के पुरोधा इस देश में मंडल आयोग की सिफ़ारिशें लागू करवा पाए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते है कि मंडल आयोग में 27% आरक्षण की बात की गयी थी, लेकिन मंडल आयोग के दो दशक से अधिक बीत जाने पर भी आज तक ओबीसी वर्ग का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व तक़रीबन 20% तक ही पहुँचा है जो के सामाजिक न्याय के प्रति सरकार के उदासीन रवैए को दर्शाता है।

इन मुद्दो पर भी होनी चाहिए थी चर्चा

सांसद ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से देश में बढ़ती हुई महंगाई, बेरोज़गारी, किसान सहित कई मुद्दो पर विशेष चर्चा की माँग की जा रही है, परन्तु सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया। सांसद ने राजस्थान मे भाजपा शासन में गुर्जर आंदोलन में पुलिस की गोली से मारे गए 70 गुर्जर, हरियाणा जाट आरक्षण में सेना व पुलिस की गोलियो से मारे गए 40 से अधिक युवा के साथ मराठा समुदाय व देश के अन्य हिस्सो मे जहाँ- जहाँ आंदोलन हुए वहाँ सरकार ने दमन से आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है। सरकार की ग़लत नीतियो से आरक्षण रूपी हक की माँग कर रहे हरियाणा सहित कई राज्यो के युवा अब अभी जेल में है। वैकेया नायडू की अध्यक्षता में हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर कमेटी भी बनाई, मगर आज तक कोई समाधान नही हुआ।

9 राज्यों के जाटों को केंद्र की नौकरियों में मिले आरक्षण

सांसद ने यूपीए सरकार के समय अधिसूचना जारी कर बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर जिलो, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के जाटों को केंद्रीय नौकरियों में ओबीसी आरक्षण दिया था और इन 9 राज्यो के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल कर लिया था। परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण देने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी और सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण पर जब केंद्र की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी तो खाप पंचायत के चौधरी प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे तब प्रधानमंत्री ने इस मामले मे रास्ता निकालने की बात कही थी। इस विषय पर भी केंद्र को राह निकालकर केंद्र की नौकरियों में इन राज्यो के जाटों को आरक्षण देने की ज़रूरत है। वही किसान आंदोलन को लेकर बेनीवाल ने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन के मामले मे गौर करते हुए कृषि बिलों को वापिस लेने की ज़रूरत है |

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