जयपुर : सचिन पायलट के बयान के बाद अब उनके समर्थक विधायकों ने मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां जल्द करने की आवाज उठाई है। पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने SC-ST विधायकों की भागीदारी को मुद्दा बनाया। वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा, सरकार के गठन में SC-ST के वोटों की अहम भूमिका रही है। SC-ST के विधायकों को अब दमदार विभागों का मंत्री बनाना चाहिए। इन्हें जनता से जुड़े दमदार विभाग देकर ताकतवर बनाएं। नाम मात्र के प्रतिनिधि बनाने से कुछ नहीं होगा। SC-ST में बहुत से वरिष्ठ विधायक हैं जो पांच-पांच बार जीते हुए हैं, उन्हें मंत्री बना दीजिए। जब इस बारे में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से बात की तो उन्होंने टिप्पणी करने से ही मना कर दिया।
सोलंकी ने कहा, सरकार के गठन को ढाई साल हो गए हैं, जिन कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनी है, उन्हें अब सत्ता में भागीदारी देनी चाहिए। मंत्रिमंडल विस्तार तो होना ही चाहिए, राजनीतिक नियुक्तियां भी जल्द की जाएं। सत्ता में जितना ज्यादा विकेंद्रीकरण होगा, उतना ज्यादा कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। सचिन पायलट ने भी यही सुझाव दिया था। विधानसभा में हमने जो बजरी और पुलिस से जुड़े मुद्दे उठाए उनका अब तक समाधान नहीं हुआ है। इसके चक्कर में हम बदनाम हो रहे हैं।
पायलट खेमे का जल्द मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का दबाव
सचिन पायलट खेमा सुलह के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए दबाव बना रहा है। मुख्यमंत्री जल्द विस्तार के मूड में नहीं है। पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी सुलह कमेटी के सामने रखी गई मांगों पर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। पायलट खेमा अब देरी को मुद्दा बना रहा है।
पायलट खेमे का सब्र टूटने के संकेत
सचिन पायलट ने कल PCC में मीडिया से बातचीत में कहा था कि सुलह कमेटी में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी, उन पर अब कार्रवाई होनी चाहिए। अब उपचुनाव हो जाएंगे, पांच राज्यों के चुनाव भी हो जाएंगे तो देरी का कोई कारण नहीं बचता। सचिन पायलट ने विधानसभा में उठाए गए SC-ST के भेदभाव के मुद्दे का समर्थन करते हुए तत्काल समाधान की बात कही थी। सचिन पायलट खेमे ने अब संकेत दे दिए हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में देरी होने पर वे आवाज मुखर करेंगे।