गेरुआ नदी में गिरे टाइगर को 5 घंटे की कोशिशों के बाद किया रेस्क्यू

टाइगर

लखीमपुर-खीरी/ बहराइच : उत्तर प्रदेश के बहराइच में गेरुआ नदी में गिरे टाइगर को 5 घंटे की कोशिशों के बाद बचा लिया गया। हालांकि, इसके लिए वन विभाग की टीम को काफी मुश्किल हुई। रेस्क्यू के लिए ड्रोन का उपयोग भी किया गया। अब सोशल मीडिया पर इस रेस्क्यू का वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। घटना गुरुवार दोपहर करीब 11 बजे की है। गिरिजा बैराज घूमने आए लोगों ने टाइगर को नदी में जाते देखा। वह बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तेज बहाव के कारण कामयाब नहीं हो पा रहा था। फिर वन विभाग को इसकी सूचना दी गई।

टाइगर

वन विभाग की रेस्क्यू टीम की अगुआई खुद डीएफओ आकाशदीप बधावन ने की। सबसे पहले गिरिजा बैराज से आ रहे पानी का फ्लो कम कराया गया। इसके बाद वन विभाग की टीम नाव पर सवार होकर नदी में आगे बढ़ी। नाव पर ही बैठे एक अफसर ने ड्रोन को ऑपरेट करने की जिम्मेदारी ली। ड्रोन से टाइगर पर नजर रखी जा रही थी और नाव पर सवार अफसर-कर्मचारी डंडों से टाइगर को हांका लगा रहे थे। बहाव तेज होने के चलते टाइगर 15 किलोमीटर तक तैरता हुआ लखीमपुर खीरी इलाके में चला गया था। आखिरकार शाम करीब 4 बजे वह किनारे पहुंच गया और कतर्निया जंगल की तरफ भाग गया। गेरुआ नदी के किनारे पर कतर्निया जंगल है। यह 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें अभी 30 टाइगर रहते हैं।

टाइगर को स्थानीय लोगों ने डूबते देखा

गेरुआ नदी नेपाल के कौड़ियाली नदी से जुड़ी है। गेरुआ नदी बहराइच और लखीमपुर-खीरी को अलग करती है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में इस समय तेज बारिश हो रही है। वहां के पानी के चलते गेरुआ नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

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