अब मथुरा की बारी : कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम ईदगाह केस रिवीजन पिटीशन की स्वीकार

श्रीकृष्ण

मथुरा : उत्तरप्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम ईदगाह विवाद मामले में कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन स्वीकार कर ली है। जिला जज राजीव भारती की कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले में कहा कि अब इस मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में होगी। भगवान श्रीकृष्ण की सखी के तौर पर दायर याचिका में 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराने की मांग की गई है। इसी जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है।

एडवोकेट रंजना सहित 6 लोगों की तरफ से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि श्रीकृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ जमीन है। इस भूमि में से करीब 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बना है, जबकि 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है। 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल किया जाए। इसके अलावा 1968 में हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई है।याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस मामले में संस्थान को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, जबकि जमीन ठाकुर विराजमान केशव कटरा मंदिर के नाम से है।

डेढ़ साल से चल रही है सुनवाई

एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने भगवान श्रीकृष्ण की सखी के तौर पर एक केस सितंबर, 2020 में सिविल कोर्ट में दाखिल किया था। इस केस को सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर में यह केस रिवीजन के लिए जिला जज की कोर्ट में दाखिल किया गया। इस पर करीब डेढ़ साल से सुनवाई चल रही है।

इस मामले में एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री, हरि शंकर जैन, विष्णु जैन समेत 6 लोगों की तरफ से दाखिल याचिका में 4 लोग विपक्षी बनाए गए हैं। इनमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान शामिल हैं। कोर्ट ने रिवीजन पिटीशन की सुनवाई के दौरान चारों विपक्षियों का पक्ष भी सुना। इस याचिका पर रिवीजन के तौर पर अक्टूबर 2020 से 5 मई 2022 तक अलग-अलग तारीखों पर बहस हुई। 5 मई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करने या न करने को लेकर 19 मई की तारीख दी थी।

विवादित जगह की खुदाई कराने की मांग

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट की निगरानी में जन्मभूमि परिसर की खुदाई कराई जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि खुदाई की एक जांच रिपोर्ट पेश की जाए। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया गया है कि जिस जगह पर मस्जिद बनाई गई थी, उसी जगह पर कारागार मौजूद है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस संबंध में कई लोगों ने कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।

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