पटना : बिहार में JDU और BJP के बीच गठबंधन 5 साल बाद फिर टूट गया है। CM नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने तुरंत ही नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। उनके पास कुल 164 विधायकों का सपोर्ट है। पहली बार नीतीश ने राज्यपाल को 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी। इसके बाद वे राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुना गया। यहां जीतन राम मांझी की पार्टी HAM भी नीतीश के साथ आ गई। उसके पास 4 विधायक हैं। इसके बाद नीतीश एक बार फिर राजभवन गए और 164 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा। उनके साथ तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेता भी राजभवन से निकले।
भाजपा कोर ग्रुप ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई
इधर, बिहार के सियासी संकट के मद्देनजर भाजपा ने मंगलवार शाम को ही कोर ग्रुप की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इसमें शामिल होने के लिए सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद और शहनवाज हुसैन मंगलवार शाम को पटना पहुंचे। यहां सियासी घमासान के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। नीतीश के इस कदम के बाद भाजपा और जदयू का 2020 में बना गठबंधन टूट गया है। इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने राजभवन में कहा था कि पार्टी के विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में NDA से गठबंधन तोड़ने की बात कही है।
तेजस्वी को मिल सकती है डिप्टी CM की कुर्सी
सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव डिप्टी CM होंगे। कांग्रेस को स्पीकर की कुर्सी मिल सकती है। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सब कुछ तय हो गया है।