नई दिल्ली: नौसेना को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत मिल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में ये एयरक्राफ्ट कैरियर नेवी को सौंपा है। साथ ही नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया है। इसमें से अंग्रेजों की निशानी लाल क्रॉस के निशान को हटा दिया गया है। अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है, जिसे PM मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित किया है।
INS विक्रांत के आने से हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ गई है। अमेरिका, यूके, रूस, चीन और फ्रांस के बाद भारत भी अब उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनमें स्वदेशी तकनीक से एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने की क्षमता है। INS विक्रांत 76% स्वदेशी चीजों से बना हैं।
PM मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है। ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है। विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है। ये केवल वॉरशिप नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है। आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है।
भारत की बेटियों के लिए अब कोई बंधन नहीं
INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबन्दियाँ थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।
पीएम मोदी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
INS विक्रांत के कमीशनिंग समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केरल के कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में नौसेना सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।