नई दिल्ली : जम्मू एयर बेस पर ड्रोन (Jammu Drone Attack) हमले को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और NSA प्रमुख अजित डोभाल भी शामिल हुए। इस मसले पर करीब दो घंटे तक मंथन चला।
जम्मू में भारतीय वायुसेना के बेस पर हुए ड्रोन हमले (Jammu Drone Attack) और बाद में आसपास के कुछ इलाकों में ड्रोन का दिखना खतरे की घंटी से काम नहीं है। इस पूरी बेल्ट में सेना के कई प्रमुख बेस, स्टेशन और कैंट इलाके हैं। पहले इनमें से कई को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने निशाना भी बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर चर्चा हुई: सूत्र
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2021
जम्मू ड्रोन अटैक (Jammu Drone Attack) को देकते हुए कहा जा सकता है कि आतंकी नई तकनीक और नए साधन को इस्तेमाल कर देहसत के नए मंजर को तलाश रहे हैं। इससे ना सिर्फ उन्हें किसी आत्मघाती हमले करने का दूसरा ऑप्शन मिला है, बल्कि बार-बार ऐसा करने का रास्ता भी खुला है। क्योंकि अब किसी आत्मघाती दस्ते को भेजने के बजाय आतंकियों को Kamikaze ड्रोन में ही इन्वेस्ट करना होगा।
भारत ने UN में उठाया Jammu Drone Attack हमले का मुद्दा
जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र सभा में इस मुद्दे को उठाया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि सामरिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना पर वैश्विक समुदाय को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
Read More : जम्मू एयफोर्स टेक्निकल एरिया में रात 2 बजे हुए 2 धमाके, ड्रोन के जरिए हमले का शक, एयरफोर्स के 2 जवान जख्मी