नई दिल्ली : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने के बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। सिद्धू ने राहुल गांधी को आश्वस्त किया कि उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और जल्द ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना कार्य शुरू करेंगे। इससे पहले सिद्धू दिल्ली स्थित राहुल गाँधी के आवास पहुंचे। पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद सिद्धू ने कहा कि मैंने राहुल गांधी के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। सब कुछ सुलझा लिया गया है। वहीं, हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू ने राहुल गांधी के सामने अपनी बातें रखीं। हमने आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।
I have shared my concerns with @RahulGandhi Ji, was assured they will be sorted out. pic.twitter.com/cZwKQgjxuR
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 15, 2021
सिद्धू के तेवर पड़े ढीले
दरअसल, पंजाब कांग्रेस में सियासी तनातनी के बीच नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर कुछ ढीले पड़े हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने भी उनके प्रति अपना कुछ रुख नरम तो किया, लेकिन उन्हें इस बात की भी हिदायत दी गई है कि हर हाल में उन्हें पार्टी लाइन पर चलना होगा।
कांग्रेस मुख्यालय में बृहस्पतिवार शाम को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के साथ सिद्धू की बैठक हुई थी। इसमें यह तय हो गया था कि न तो सिद्धू कांग्रेस को छोड़कर कहीं और जा रहे हैं और न ही कांग्रेस उन्हें टीम से बाहर पवेलियन में बैठाना चाहती है। लिहाजा सिद्धू पद पर बने रहेंगे।
हरीश रावत ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला उन्हें पूरी तरह स्वीकार होगा। पार्टी के निर्देश साफ हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्य करना चाहिए और संगठनात्मक ढांचा तैयार करना चाहिए।
He (Sidhu) shared his concerns with Rahul Gandhi. We have told him that his concerns will be taken care of here. He assured Rahul Gandhi that he has withdrawn his resignation and he will resume his duties as the PCC president: AICC in charge for Punjab, Harish Rawat pic.twitter.com/aHY168jclZ
— ANI (@ANI) October 15, 2021
इसलिए दिया था सिद्धू ने इस्तीफा
चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का कार्यभार सौंपा जबकि वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को महाधिवक्ता बनाया गया था। सिद्धू इन दोनों फैसलों से खफा थे। यही वजह है कि उन्होंने अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाईकमान को भी चौंका दिया था।