नई दिल्ली। भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उन्होंने दो बार देश के अटार्नी जनरल का पद संभाला था। सोराबजी करीबन 70 सालों तक कानून के क्षेत्र से जुड़े रहे। वर्ष 2002 में वकालत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्म विभूषण का सम्मान मिला था। 1989 से 1990 तक अटॉर्नी जनरल रहे सोराबजी ने दोबारा 1998 से 2004 तक यह जिम्मेदारी निभाई थी। सोली सोराबजी का पूरा नाम सोली जहांगीर सोराबजी था। उनका जन्म मुंबई में वर्ष 1930 में हुआ था। उन्होंने 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया था।
पूर्व अटॉनी जनरल सोराबजी को दी श्रद्धांजलि
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व अटॉनी जनरल सोली सोराबजी को श्रद्धांजलि दी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाले सोली सोराबजी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ, हम दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं। पूर्व एटार्नी जनरल सोली सोराबजी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी समेत नेताओं ने शोक जताया है।
पाकिस्तान के खिलाफ दिलाई थी ऐतिहासिक कानूनी जीत
साल 1999 में अटलांटिक केस में सोराबजी ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत को ऐतिहासिक कानूनी जीत दिलाई थी। इसके अलावा साल 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पुलिस को इस तरह की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए कि वो आतंकवादियों का सामना कर सकें और लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा हो सके।