सीएम बघेल ने खाए कोड़े, कहा- ‘पर्व के माध्यम से हम जमीन से जुड़ते हैं’

सीएम बघेल ने

दुर्ग : छत्तीसगढ़ में मंगल कामना और विघ्न के नाश के लिए कुश से बने कोड़े (सोटे) का प्रहार करवाने की सालों पुरानी परंपरा है। इस परंपरा को निभाते हुए सीएम भूपेश बघेल ने अपने हाथों में कोड़े पड़वाए। मुख्यमंत्री यह परंपरा निभाने जांजगीर-चांपा पहुंचे और वहां अपने ऊपर कोड़े पड़वाए। गांव के बीरेंद्र ठाकुर ने सीएम बघेल पर कोड़े से प्रहार किया। मुख्यमंत्री हर साल कोड़े पड़वाने जांजगीर जिला पहुंचते हैं। पहले भरोसा ठाकुर कोड़े से प्रहार करते थे। इस बार यह परंपरा उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाई।

जितना समृद्ध गोवंश होगा उतनी ही हमारी तरक्की होगी

सीएम बघेल ने ग्रामीणों से कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश की समृद्धि की परंपरा की पूजा है, जितना समृद्ध गोवंश होगा उतनी ही हमारी तरक्की होगी। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा इतनी लोकप्रिय होती है। लोग साल भर इसका इंतजार करते हैं। हर साल आप लोगों के बीच मैं सुबह-सुबह पहुंचता हूं और परंपरा को निभाता हूं। आगे भी यह होता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ग्रामीण संस्कृति के पर्व कृषि को बढ़ावा देने वाले पर्व हैं। पर्व के माध्यम से हम जमीन से जुड़ते हैं। सीएम बघेल ने इस अवसर पर गौरा गौरी पूजा में भी भाग लिया और आए हुए लोगों को संबोधित किया।

परंपरा से हमारा अस्तित्व भी है

कार्यक्रम के दौरान सीएम बघेल ने लोगों को गौरी पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा और गौरा गौरी पूजा मिट्टी के प्रति गहरे अनुराग का उत्सव है। अपनी माटी की अस्मिता को सहेजना उसका संवर्धन करना हम सब का कर्तव्य है। सीएम बघेल ने कहा हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की कई सुंदर परंपराएं हैं। उन्हें इस बात की आशंका थी कि धीरे-धीरे यह परम्पराएं कहीं विस्मृत न हो जाएं। ग्रामीणों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने पाया कि हमने यह संकल्प लिया कि अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं को अपनी व्यवस्था में शीर्षस्थ स्थान देंगे, क्योंकि परंपरा से हमारा अस्तित्व भी है और परंपरा से हमारे मूल्य भी हैं।

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