नई दिल्ली: आखिरकार बुरी खबर आ ही गई है। जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, यानी CDS थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। सबसे पहले वायु सेना ने की पुष्टि
Gen Bipin Rawat was an outstanding soldier. A true patriot, he greatly contributed to modernising our armed forces and security apparatus. His insights and perspectives on strategic matters were exceptional. His passing away has saddened me deeply. Om Shanti. pic.twitter.com/YOuQvFT7Et
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2021
I am shocked and anguished over the untimely demise of Gen. Bipin Rawat and his wife, Madhulika ji. The nation has lost one of its bravest sons. His four decades of selfless service to the motherland was marked by exceptional gallantry and heroism. My condolences to his family.
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 8, 2021
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर शोक प्रकट किया
Deeply anguished by the sudden demise of Chief of Defence Staff Gen Bipin Rawat, his wife and 11 other Armed Forces personnel in an extremely unfortunate helicopter accident today in Tamil Nadu.
His untimely death is an irreparable loss to our Armed Forces and the country.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 8, 2021
I also express my deepest condolences on the sad demise of Mrs Madhulika Rawat and 11 other Armed Forces personnel. My thoughts are with the bereaved families. May God give them the strength to bear this tragic loss.
Praying for the speedy recovery of Gp Capt Varun Singh.
— Amit Shah (@AmitShah) December 8, 2021
बता दे की, तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर बहुत बड़ा हादसा हुआ। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत को ले जाने वाला सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। सीडीएस बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी और सेना के अन्य अधिकारी समेत 14 लोग इस हेलीकॉप्टर में मौजूद थे।
16 मार्च 1958 को देहरादून में जन्म हुआ
16 मार्च 1958 को देहरादून में जन्मे सीडीएस बिपिन रावत के पिताजी एल एस रावत भी फौज में थे और उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एल एस रावत के नाम से पहचाना जाता था। सीडीएस रावत सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम. फिल की डिग्री हासिल की है और मैनेजमेंट और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा लिया है। दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में उन्हें नियुक्त किया गया। उन्हें यहां ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
आतंकवाद रोधी अभियानों की कमान संभालने का खासा अनुभव
जनरल बिपिन रावत को ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र और आतंकवाद रोधी अभियानों की कमान संभालने का खासा अनुभव है। वे 1986 में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन के प्रमुख की भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इंफेंट्री डिवीजन की अगुआई भी की है। वह कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी कर चुके हैं।
जनरल रावत की अगुआई में सेना ने कई ऑपरेशन को अंजाम दिया
सीडीएस बिपिन रावत की अगुवाई में भारतीय सेना ने कई ऑपरेशन को भी अंजाम दिया है। उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जून 2015 में मणिपुर में एक आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद 21 पैरा कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकी संगठन एनएससीएन-के कई आतंकियों को ढेर किया था। तब 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के अधीन थी जिसके कमांडर बिपिन रावत ही थे। इसके अलावा 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी शिविरों को ध्वस्त करते हुए कई आतंकियों को मार गिराया था। उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवान शहीद हो जाने के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की थी।
जनरल रावत बने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
साल 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस का नया पद बनाने का एलान किया था। भारतीय सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद बिपिन रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था। अपने चार दशकों की सेवा के दौरान, जनरल रावत ने ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच में कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव और जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी थीं।